संस्कृत संस्थानों से पढ़ाई करके बेहतर करिअर निर्माण किया जा सकता है। यदि आप संस्कृत में अपना करिअर बनाना चाहते हैं तो हाई स्कूल की पढ़ाई से ही संस्कृत विषय का चुनाव करना चाहिए। बारहवीं पास करने के उपरांत उन संस्थानों में प्रवेश लेना होगा जो संस्कृत विषय में डिग्री और डिप्लोमा का पाठ्यक्रम करवाते हों। यदि उच्च शिक्षा में रुचि है तो संस्कृत विषय में स्नातकोत्तर किया जा सकता है लेकिन संस्कृत विषय में गहन शोध करने के लिए आपको डॉक्टरेट की उपाधि लेनी होगी।

केंद्रीय विद्यालयों में संस्कृत भाषा को तीसरी भाषा के रूप में महत्त्व दिए जाने पर वहां नौकरी के अवसर अधिक बढ़ चुके हैं। संस्कृत में अनुवादक और धर्म गुरु बनने के भी मौके आपको प्राप्त हो सकते हैं। इसके अलावा संस्कृत विषय की उत्कृष्ट शिक्षा हासिल करने के बाद विद्यालय, विश्वविद्यालय में बतौर शिक्षक या प्रोफेसर के तौर पर नौकरी मिल सकती है।

संस्कृत में रोजगार के क्षेत्र
संस्कृत भाषा एवं विषय के अध्ययन के पश्चात युवाओं के लिए रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध हैं, ये अवसर सरकारी, निजी और सामाजिक सभी क्षेत्रों में मौजूद हैं : प्राथमिक अध्यापक विशारद या शास्त्री की अर्हता वाले अभ्यर्थियों के लिए प्राथमिक शिक्षा में करिअर बनाने का अवसर उपलब्ध है।

प्रवक्ता या प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक माध्यमिक विद्यालयों में अनिवार्य और ऐच्छिक विषय के रूप में संस्कृत विषय पढ़ाया जाता है। संस्कृत से स्नातक परीक्षा (शास्त्री, बीए) उत्तीर्ण और अध्यापन में प्रशिक्षण (बीएड) प्राप्त अभ्यर्थी इसके लिए पात्र होते हैं। समय समय पर केवीएस व समस्त राज्यों के शिक्षा विभाग इसकी सूचना प्रकाशित करते रहते हैं।

प्रशासनिक सेवा संघ लोक सेवा आयोग एवं राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से प्रतिवर्ष रिक्तियां निकाली जाती हैं। संस्कृत से स्नातक युवाओं को प्रशासनिक सेवा में जाने तमाम अवसर उपलब्ध हैं।

सहायक व्याख्याता देश भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों एवं राज्य विश्वविद्यालयों में संस्कृत का अध्यापन किया जाता है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा संचालित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर सहायक व्याख्याता की नौकरी कर सकते हैं।

अनुसंधान सहायक कनिष्ठ शोध अध्येतावृत्ति परीक्षा उत्तीर्ण छात्रों को अनुसंधान के लिए छात्रवृत्ति मिलती है। पीएचडी कर करके उच्च शिक्षा में अनुसंधान के अवसर मिलते हैं।

अनुवादक सरकारी व गैर सरकारी अनुवादक के लिए स्नातक स्तर पर संस्कृत का अध्ययन करने वाले विद्यार्थी योग्य होते हैं। अनुवाद का काम स्वतंत्र रूप से भी किया जा सकता है।

समाचार वाचक
दूरदर्शन चैनल पर प्रतिदित संस्कृत वार्ता (समाचार) और विशेष कार्यक्रम वार्तावली का प्रसारण किया जाता है। संस्कृत में प्रवीण युवाओं के लिए यहां करिअर के विशेष अवसर उपलब्ध हैं।

लेखन
जिन युवाओं की साहित्य एवं सृजन में अभिरुचि है, वे संस्कृत साहित्य में लेखन कार्य कर सकते हैं। आजकल लेखन में, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रोनिक मीडिया, विज्ञापन, रेडियो, टेलीविजन आदि में संस्कृत की मांग है।

सेना में धर्मगुरु
भारतीय सेना में अधिकारी स्तर का धर्मगुरु का पद होता है। सेना के भर्ती बोर्ड द्वारा समय समय-समय पर इस पद हेतु रिक्तियां निकाली जाती हैं।

प्रमुख संस्थान
-संस्कृत महाविद्यालय, इंदौर (मध्य प्रदेश)
-विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
-महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
-गंगानाथ झा परिसर, इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)
-गुरुवायूर परिसर, पुरानाटुकरा, त्रिचूर (केरल)
-राजीव गांधी परिसर, शृंगेरी (कनार्टक)
-श्री सदाशिव परिसर, पुरी (ओड़ीशा)
-जयपुर परिसर, जयपुर (राजस्थान)
-लखनऊ परिसर, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
-गरली परिसर, गरली (हिमाचल प्रदेश)
-केजे सौमैया संस्कृत विद्यापीठ, (मुंबई)

इसके अलावा आनलाइन भी पढ़ाई करने का एक अच्छा और सुविधाजनक विकल्प है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय समेत अनेक प्रतिष्ठित संस्थाओं ने संस्कृत में पाठ्यक्रम कराना शुरू कर दिया है। वर्तमान समय में केवल भारत में ही नहीं बल्कि बाहर के अनेक देश संस्कृत को अपने पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बना रहे हैं। ऐसे में संस्कृत विषय को लेकर करिअर की संभावनाए बढ़ गई हैं।
– पवन विजय (शिक्षक, डीआइआरडी, आइपी विश्वविद्यालय)



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