जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई है, इसमें दो दहशतगर्दों को मौत के घाट उतार दिया गया है। 3 जवान भी इस ऑपरेशन में शही बताए गए हैं। इस समय पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। सुबह से ही रुक-रुक कर गोलीबारी का दौर देखा गया है, लगातार आतंकियों के घेरने की कोशिश हुई है।

सुबह से जारी एनकाउंटर, आतंकियों को घेरा

अभी के लिए एक जख्मी सुरक्षाकर्मी को कठुआ जीएमसी में शिफ्ट किया गया है, वहीं दो जम्मू जीएमसी भेज दिए गए हैं। अन्य दो जवानों को हल्की चोटें आई हैं। बताया जा रहा है कि गुरुवार सुबह को सुरक्षाबलों को इनपुट मिले थे कि चार से पांच आतंकी जुठानी इलाके में छिपे हुए हैं। जानकारी तो यह भी मिली थी कि कुछ मिलिटैंट्स ने एक महिला और उसके पति को भी अपने कब्जे में लिया था।

22 मार्च से चल रहा बड़ा ऑपरेशन

इसी वजह से जब तक वो कपल आतंकियों के चंगुल से नहीं छूट गया, सेना ने अपना ऑपरेशन शुरू नहीं किया। जैसे ही दोनों के सुरक्षित रेस्क्यू की खबर आई, सुरक्षाबलों ने आतंकियों को घेर लिया और फिर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई। इस समय कठुआ रेलवे स्टेशन और दूसरी जरूरी जगहों पर सुरक्षा को टाइट कर दिया गया है। वैसे 22 मार्च से ही घाटी में सुरक्षाबलों द्वारा बड़ा ऑपरेशन चलाया जा रहा है। पुलिस, सेना, एनएसजी सब मिलकर आतंकियों की धरपकड़ कर रही हैं।

बड़ी बात यह है कि ड्रोन, बुलेटप्रूफ वाहन और दूसरे निगरानी टूल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बार आतंकियों को तकनीक के सहारे हराने की पूरी कोशिश हो रही है। यहां पर सेना का कठुआ पर खास फोकस है क्योंकि सबसे ज्यादा घुसपैठ इसी इलाके से हो रहा है।

कठुआ बना आतंकियों का नया एपीसेंटर

कठुआ जिले से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान से आतंकवादियों के लिए उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ जिलों को जोड़ने वाले कैलाश ट्राइ-जंक्शन के ऊंचे इलाकों में घुसपैठ का एक प्रमुख मार्ग बन गई है। पिछले साल कठुआ के बदनोटा गांव के पास सेना के काफिले पर आतंकवादियों द्वारा हमला किए जाने के बाद पांच सैनिक मारे गए थे। उसके बाद से ही सेना के बड़े अधिकारी खुद और ज्यादा सक्रिय हो गए थे, इसी कड़ी में पहली बार AK-47 के साथ भी एक टॉप अधिकारी जमीन पर दिखे हैं। और जानने के लिए यहां क्लिक करें




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