भारतीय सेना देश के युवाओं के लिए एक तीन वर्ष का इंटर्नशिप प्रोग्राम लेकर आई है जिसमें ऑफिसर और सोल्जर दोनो ही पोस्ट शामिल हैं। ‘राष्ट्रवाद और देशभक्ति’ के जज्बे को युवाओं में जगाए रखने के उद्देश्य से यह नया प्लान तैयार किया जा रहा है। भारतीय सेना ने यह मानते हुए, कि “हमारे देश में बेरोजगारी एक वास्तविकता है”, युवाओं के लिए तीन साल की “इंटर्नशिप” प्रस्तावित की है। इस प्रस्ताव के अनुसार, यह छोटी और स्वैच्छिक इंटर्नशिप ‘Tour of Duty’ उन युवाओं के लिए है जो रक्षा सेवाओं को अपना प्रोफेशन नहीं बनाना चाहते हैं, लेकिन फिर भी सैन्य सेवाओं के रोमांच का अनुभव करना चाहते हैं।
हालांकि, ऐसे उम्मीदवारों के लिए एडमिशन के मानदंडों में ढील नहीं दी जाएगी। सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने पुष्टि की कि इस तरह के प्रस्ताव पर चर्चा की जा रही है, और इस बात पर जोर दिया गया है कि अगर इसे स्वीकार किया जाता है, तो ‘Tour of Duty’ अनिवार्य नहीं होगा। जारी नोट के अनुसार, सबसे जरूरी बात है इस प्रस्ताव को सरकार, ऑर्म्ड फोर्सेज़, कॉर्पोरेट्स तथा स्टूडेंट्स सभी के लिए आकर्षक बनाना। सेना का कहना कि यह “युवा ऊर्जा को उनकी क्षमता के सकारात्मक उपयोग में लाने में मदद करेगा और कठोर सैन्य प्रशिक्षण और आदतों को उनके जीवन का हिस्सा बनान के लिए प्रेरित करेगा”।
सेना का कहना है कि पर्मानेन्ट रिक्रूटमेंट न होने के कारण उम्मीदवारों के वेतन और ग्रेच्युटी में होने वाली बचत सेना के लिए एक बड़ा वित्तीय लाभ होगा। हर अधिकारी की तीन वर्ष की सेवा की लागत शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) के अधिकारियों पर होने वाली लागत के एक हिस्से के बराबर होगी।
एक ऑफिसर जो 10 से 14 वर्ष की ड्यूटी के बाद सेवा छोड़ता है, उसपर आने वाला खर्च 5 करोड़ से 6.8 करोड़ तक होता है, जिसमें प्री-कमीशन ट्रेनिंग, वेतन, भत्ते, ग्रैच्युटी तथा लीव एन्कैशमेंट आदि शामिल हैं। सेना का अनुमान है कि तीन साल की सेवा के लिए प्रति ऑफिसर खर्च 80 लाख -85 लाख रुपये होगा।
ऐसा अनुमान है कि पूरे देश को तीन वर्षों की इंटर्नशिप किए हुए ‘प्रशिक्षित, अनुशासित, आत्मविश्वास, मेहनती और प्रतिबद्ध’ युवा पुरुषों और महिलाओं से लाभ होगा, और एक शुरुआती सर्वे ने संकेत दिया है कि कॉर्पोरेट क्षेत्र भी फ्रेशर्स की बजाय इंटर्नशिप किए हुए ट्रेंड ग्रेजुएट्स को नौकरी पर रखना पसंद करेंगे।
यह देखते हुए कि प्रस्तावित योजना सीमित रिक्तियों के साथ फिलहाल परीक्षण के आधार पर होगी, सेना ने कहा है कि यदि यह सफल पाया जाता है तो इसका बड़े स्तर पर विस्तार किया जाएगा।
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