आज जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है और लाखों लोगों की नौकरी जा चुकी हैं। ऐसे समय में भी एक क्षेत्र अभी भी बचा हुआ है, जहां रोजगार की संख्या लगातार बढ़ रही है और वह है डिजिटल मार्केटिंग। आज जब लोग कोरोना के डर से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। ऐसे में उनके सामने रोजमर्रा की जिंदगी को चलाने के लिए आॅनलाइन माध्यमों का सहारा लेना ही एक मात्र विकल्प बचता है।
दैनिक कार्यों के लिए ही इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है बल्कि एक अध्ययन के अनुसार दुनियाभर के लगभग साठ फीसद से अधिक लोग घर बैठे ही आज डिजिटल तकनीक का उपयोग करते हुए अपना कार्य कर रहे हैं। दुनियाभर में आज जिस तेजी के साथ डिजिटल माध्यम से व्यवसाय बढ़ रहा है। इससे डिजिटल मार्केटिंग में ऐसे लोगों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है, जिन्हें इस क्षेत्र के तकनीकी ज्ञान और अनुभव की जानकारी हो। भारत जैसी अर्थव्यस्था वाले देश और दुनियाभर में सबसे तेजी से उभरते हुए बाजार में इस क्षेत्र में आने वाले दिनों में अपार संभावनाएं हैं। यही कारण है की फेसबुक से लेकर अमेजन तक दुनिया की सभी बड़ी कंपनियां अपने देश में लगातार निवेश कर रही है।
यही वे तमाम कारण रहे हैं जिसकी वजह से आज बहुत सारे युवा इस क्षेत्र की तरफ न सिर्फ आकर्षित हो रहे हैं बल्कि की संभावनाओं की तलाश भी कर रहे हैं। डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में लगातार खुल रहे नए-नए संस्थान भी इस बात का प्रमाण हैं। साथ ही बड़े-बड़े सरकारी और गैर सरकारी संस्थान और विश्वविद्यालय इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं और इसे अपने पाठ्यक्रम का हिस्सा बना रहे हैं।
सोशल मीडिया मार्केटिंग (एसएमएस), सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (एसईओ), सर्च इंजन मार्केटिंग (एसईएम), ईमेल मार्केटिंग, मोबाइल मार्केटिंग, ब्लॉगिंग, टैगिंग आदि न जाने कितने ऐसे नए कोर्स इस क्षेत्र के लिए खुल गए है जो इसकी महत्त्व को स्वयं सिद्ध कर रहे हैं।
जरूरी दक्षता
हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में 76 फीसद से अधिक लोगों में इस दिशा में काम करने की क्षमता मौजूद है।
इस क्षेत्र में काम करने के इच्छुक लोगों से जिस दक्षता की उम्मीद की जाती है, उनमें से सेल्स स्किल्स, विज्ञापन में विशेषज्ञताएं, मार्केटिंग चैनल्स में काम करने की दक्षताएं, वस्तुपरक ढंग से सोचने और समझने की क्षमताएं, रचनात्मकता, विश्लेषणात्मक बुद्धि, उत्पाद और सेवाओं की अच्छी जानकारी, बाजार की समझ आदि।
वेतनमान
हमारे देश में प्रारंभिक स्तर पर डिजिटल मार्केटिंग में कार्य करने वाले लोगों की वार्षिक आय तीन लाख से साढ़े तीन लाख रुपए होती है। इस क्षेत्र में अनुभव बढ़ते ही इनकी मांग बहुत बढ़ जाती है और वेतन सीधे बढ़कर 12 से 15 लाख रुपए सालाना तक हो सकता है और जिनको इस क्षेत्र की पूरी जानकारी है और तकनीकी ज्ञान का अच्छा अनुभव रखते है वह तो मुंहमांगी कीमत मिलती है। उदाहरण के लिए अमेजन, फ्लिपकार्ट, जिओ मार्ट, गूगल आदि कंपनियों में काम करने वाले लोगो की वेतन करोड़ों में होती है।
डिजिटल मार्केटिंग को जो संस्थान बकायदा आज एक विषय के रूप में पढ़ा रहे हैं। इनमें देश के लगभग सभी प्रमुख आइआइटी, सभी आइआइएम, इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन सर्विसेस, डिजिटल विद्या, डिजिटल मार्केटिंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, मुंबई, इंटरनेट एंड मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट, बंगलुरु आदि शामिल हैं।
इसके अलावा बहुत सारे डिजिटल मार्केटिंग के ऑनलाइन कोर्स दुनियाभर की प्रसिद्ध विश्वविद्यालय चला रहे हैं।
– डॉक्टर संजय सिंह बघेल
(शिक्षक, दिल्ली विश्वविद्यालय)
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