केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देशभर के स्कूल और कॉलेजों को निर्देश दिए हैं कि लॉकडाउन के बाद दोबारा क्लासेज़ खुलने पर उन्हें किन बातों का ध्यान रखना होगा। इंस्टिटयूट्स को छात्रों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखना होगा।
इसके अतिरिक्त नए सीटिंग मैट्रिक्स, अलग-अलग मेस और लाइब्रेरी के नियम, पुनर्निर्मित हॉस्टल और कैंटीन जैसे नियम भी स्कूलों और कॉलेजों पर लागू रहेंगे। जब भी क्लासेज़ दोबारा शुरू होती हैं, सभी शिक्षण संस्थानों को मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।
देशभर में कोरोना महामारी के प्रसार के बाद से 16 मार्च से सभी स्कूल और कॉलेज बंद हैं तथा देश में 03 मई तक के लिए यह लॉकडाउन लागू है। सोमवार से लॉकडाउन की अवधि खत्म हो रही है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, जब भी स्कूल और कॉलेज फिर से खुलेंगे, तब शिक्षण संस्थानों को उचित सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन करना होगा क्योंकि छात्रों की स्वास्थ्य और सुरक्षा की प्राथमिकता होनी चाहिए। स्कूलों के लिए ये गाइडलाइंस केन्द्रीय स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग तथा विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा तैयार किए गए हैं।
दिशानिर्देशों में एक चेकलिस्ट और छात्र और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अनुशंसित उपाय शामिल होंगे। हालांकि, किसी विशेष क्षेत्र में COVID-19 की स्थिति को भी ध्यान में रखना होगा और संस्थानों के पास दिशानिर्देशों के अनुसार क्लासेज़ अरेंज करने के लिए फैसला लेने की छूट होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि मंत्री ने कई बार दोहराया है कि छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
“दिशानिर्देश बनाए जा रहे हैं और राज्यों के साथ भी साझा किए जाएंगे ताकि वे स्कूल और कॉलेजों को फिर से खोलने से पहले तदनुसार तैयार कर सकें। आधिकारिक दिशानिर्देशों में कहा गया है कि जिलों को दिशा-निर्देशों के कार्यान्वयन के साथ काम करना होगा और परिसरों में कुछ निश्चित जगहों को फिर से व्यवस्थित करना होगा।
स्कूलों के लिए, खेल के मैदानों में सुबह की असेंबली और खेल गतिविधियों को निलंबित करना, स्कूल बसों के लिए मानदंड, वॉशरूम और कैफेटेरिया में डू नॉट और पूरी इमारतों का नियमित रूप से सेनिटाइज़ेशन, दिशानिर्देशों का हिस्सा हो सकते हैं और मास्क स्कूल की ड्रेस का अनिवार्य हिस्सा होगा। हॉस्टल युक्त स्कूलों के लिए हॉस्टल और मेस जैसी जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियम लागू होंगे।
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