यूपी में शिक्षामित्रों के लिए खुशखबरी है। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों की भर्ती को लेकर फैसला सुनाया है। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह 6 सप्ताह में भर्ती प्रक्रिया को शुरू कर दे। इसके अलावा यह भी कहा है कि 6 महीने में यह प्रक्रिया पूरी कर ली जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश शिक्षा मित्रों की अर्जियों पर दिया है। शिक्षा मित्रों का आरोप था कि उनकी भर्ती नहीं की जा रही है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे शिक्षामित्रों को 1 फीसदी वेटेज देने पर विचार करने के लिए कहा है जिन्हें 4 साल का अनुभव है।

प्रदेश भर के शिक्षा मित्र पिछले लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। सरकार से शिक्षा मित्रों की तमाम मांगे हैं। उन्हीं मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए कई बार लखनऊ में भी प्रदर्शन हो चुका है। नियुक्ति के अलावा शिक्षा मित्रों के विभिन्न संगठनों ने सीएल 12 से बढ़ाकर 14 करने की मांग भी कर रहे थे। योगी सरकार ने हाल ही में शिक्षा मित्रों का आकस्मिक अवकाश दो दिन बढ़ाने का फैसला लिया है। अब शिक्षा मित्रों को साल भर में मिलने वाले 12 आकस्मिक अवकाश की जगह 14 आकस्मिक अवकाश दिए जाएंगे। यानी सरकार ने शिक्षा मित्रों को 2 दिन का अवकाश बढ़ा दिया है।

सुप्रीम कोर्ट की 3 सदस्यीय पीठ ने यह फैसला सुनाया है, उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों पर भर्ती को लेकर पीठ ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने शिक्षामित्रों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को बची हुई सीटों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा है। उत्तर प्रदेश में शिक्षा मित्रों की भर्ती नहीं की जा रही है. ऐसे योग्य शिक्षामित्र जिन्हें अब तक नौकरी नहीं मिली थी सबने मिलकर सुप्रीम कोर्ट में इस बात की अर्जी दी जिसके बाद कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को यह निर्देश जारी किया।

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