किसी सफल व्यक्ति को देखकर उत्साहित होना चाहिए और उसके कुछ गुणों को भी अपनाना चाहिए।
ट्रकों पर आपने अकसर ‘जलो नहीं, रीस करो’ पंक्ति लिखी देखी होगी। यह महज एक पंक्ति नहीं है बल्कि सफल लोग की सोच है। किसी भी क्षेत्र में सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने वाले लोगों में जो गुण होते हैं, ये उनमें से एक है। अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, सहकर्मियों आदि की सफलता से जलने या ईर्ष्या करने वाले लोग कभी सफल नहीं होते हैं और उन्हें जिंदगी भर संघर्ष ही करते रहना पड़ता है।
ईर्ष्या के स्थान पर यदि आप अपने दोस्त, रिश्तेदार या सहकर्मी से प्रतिस्पर्धा करेंगे तो परिणाम एकदम अलग होंगे। किसी सफल व्यक्ति को देखकर उत्साहित होना चाहिए और उसके कुछ गुणों को भी अपनाया जा सकता है। इससे आपके अंदर दोगुना काम करने की इच्छा पैदा होगी। ऐसा करने से आपके अंदर सकारात्मकता का संचार होगा जो आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सहायता करेगी।
इसके अलावा सफल व्यक्ति बहुत जुझारू होते हैं। वे आसानी से हार नहीं मानते हैं। कुछ लोग एक-दो बार विफल होने पर अपनी राह बदल लेते हैं। लेकिन सफल लोग लगातार कोशिश करते रहते हैं। विफल होने पर वे विफलता का कारण ढंूढ़ते हैं और उसका समाधान करने के बाद अगली कोशिश में जुट जाते हैं और सफलता प्राप्त करने तक रूकते नहीं हैं।
सफलता हासिल करने वाले लोग कभी अपने ऊपर किसी भी तरह का डर हावी नहीं होने देते हैं। ये लोग अपने डर के बारे में जानते तो हैं लेकिन उसे कभी अपनी राह का रोड़ा नहीं बनने देते हैं। सफलता प्राप्त कर करने वाले लोग डर की तरह ही नकारात्मकता को भी अपने जीवन पर हावी नहीं होने देते हैं। ये लोग खुद तो सकारात्मक रहते ही हैं, अपने आसपास के लोगों को भी सकारात्मक रखते हैं।
सफल लोगों में एक और आवश्यक योग्यता होती है। ये लोग हर किसी को खुश और संतुष्ट करने के चक्कर में नहीं पड़ते हैं। यदि ये ऐसा करने में जुट जाएंगे तो इनका अपने लक्ष्य से भटकना तय है। ऐसे में ये बीच का रास्ता अपनाते हैं और कोशिश करते हैं कम से कम लोगों को नाराज करके अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहते हैं।
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