Delhi Violence: जामिया टीचर्स एसोसिएशन (JTA) ने मंगलवार को घोषणा की कि जामिया मिलिया इस्लामिया के सभी शिक्षक दिल्ली के दंगा पीड़ितों के लिए न्यूनतम एक दिन के वेतन का योगदान देंगे। 29 फरवरी को पूर्वोत्तर दिल्ली में दंगा प्रभावित क्षेत्रों में जामिया के शिक्षकों के साथ एक प्रतिनिधिमंडल को भेजे जाने के बाद यह निर्णय लिया गया।
शिक्षकों ने यह भी निर्णय लिया कि वह सभी इस वर्ष के दौरान कोई लग्ज़री खरीदारी नहीं करेंगे और केवल बुनियादी घरेलू खर्चे ही करेंगे। इससे वचने वाले पैसे को भी दंगा पीडितों के लिए बाद में दान किया जाएगा।
यूनिवर्सिटी के शिक्षकों ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को आयोजित सामान्य निकाय की बैठक में एक रिपोर्ट भी पेश की जिसमें कहा गया, “पुराने मुस्तफाबाद क्षेत्र का दौरा करते समय हमें निर्दोष महिलाओं, बच्चों और अन्य लोगों से मिले अनुभव को बयान करना मुश्किल था।” प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि दंगा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों ने सरकार और प्रशासन पर विश्वास खो दिया है।
शिक्षकों ने यह भी कहा कि वे ग्रेजुएट स्तर तक दंगा पीड़ितों की शिक्षा के वहन के साथ-साथ क्षेत्र में टूटे और जले स्कूलों के पुनर्निर्माण और पुनर्स्थापन में मदद करेंगे। पूर्वोत्तर दिल्ली में पिछले सप्ताह हुई झड़पों में मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 45 हो गई है।
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