विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सोमवार को केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) शुरू करने की घोषणा की है। अब देश के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ग्रेजुएशन करने के लिए ये परीक्षा देना अनिवार्य है।

पहले भी कई सरकार इस कोशिश में लगी थीं कि हायर एजुकेशन पाने के लिए कैंडीडेट्स के बोझ को कम किया जाए और कई एंट्रेस एग्जाम की जगह केवल एक एंट्रेस एग्जाम आयोजित किया जाए।

ऐसे में सीयूईटी शुरू करने की घोषणा बिल्कुल नई नहीं है। यूपीए-2 की सरकार ने 2010 में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीयूसीईटी) के रूप में इसे लॉन्च किया था, लेकिन ये इसलिए असफल रही क्योंकि केवल 14 केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने इसे अपनाया था।

अब ये कहा जा सकता है कि CUET, CUCET का ही एक नया संस्करण है और अब सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए इसे अपनाना अनिवार्य है। बता दें कि यह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की घोषणा के बाद सामने आया है, जो विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए एक प्रवेश परीक्षा की आवश्यकता की जरूरत पर ध्यान देती है।

यहां ये बात दिलचस्प है कि अब ​​दिल्ली विश्वविद्यालय के हायर कट ऑफ अंक इतिहास बन जाएंगे। क्योंकि एक कॉलेज में एडमिशन के लिए अब स्टूडेंट्स के बोर्ड के अंकों की कोई भूमिका नहीं होगी। कैंडीडेट का एडमिशन CUET में किए गए स्कोर पर आधारित होगा। ये प्रक्रिया किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय में लागू होगी। हालांकि केंद्रीय विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेज बोर्ड परीक्षा के अंकों के जरिए प्रवेश की न्यूनतम योग्यता तय कर सकते हैं।

संगीत, पेंटिंग, मूर्तिकला और रंगमंच जैसे प्रमुख व्यावहारिक घटकों वाले कौशल-आधारित पाठ्यक्रमों के लिए विश्वविद्यालयों को सीयूईटी के साथ व्यावहारिक परीक्षा या साक्षात्कार आयोजित करने की इजाजत मिलेगी। इंजीनियरिंग और एमबीबीएस जैसे पेशेवर कोर्सों के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय जेईई (मेन) और एनईईटी के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।

सरकार विभिन्न बोर्डों द्वारा अपनाई गई मूल्यांकन विधियों में विविधता की वजह से इस पक्ष में नहीं है कि इन अंकों का इस्तेमाल केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए हो। एक सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कुछ बोर्ड मार्किंग में दूसरों की तुलना में अधिक उदार होते हैं और इससे उनके स्टूडेंट्स को इसका अनुचित फायदा मिलता है।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए सीयूईटी का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा किया जाएगा। यह एक कंप्यूटर आधारित परीक्षा है जो दो पालियों में आयोजित की जाएगी और इसे 13 भाषाओं में लिया जा सकता है। बता दें कि एनटीए ही जेईई (मेन) और यूजीसी-नेट परीक्षा का आयोजन करती है।

इस परीक्षा के लिए आवेदन विंडो अप्रैल के पहले सप्ताह में खुलेगी। इस परीक्षा के बारे में यूजीसी अध्यक्ष ने कहा है कि साढ़े तीन घंटे की कंप्यूटर आधारित प्रवेश परीक्षा में केवल एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों की सामग्री पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे। CUET में अनिवार्य रूप से तीन भाग होंगे। वहीं केंद्रीय विश्वविद्यालयों के पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सों में एडमिशन के लिए सीयूईटी अनिवार्य नहीं है। हालांकि वह सीयूईटी कराने के लिए स्वतंत्र हैं। (इंडियन एक्सप्रेस के लिए साक्षी सरोहा की रिपोर्ट)




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