COVID-19: देश में कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के बीच बेरोजगारी दर ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गई है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा जारी ताजा डेटा से पता चलता है कि देश में अप्रैल माह के भीतर 11.4 करोड़ से ज्यादा नौकरी जा चुकी हैं। इसमें सबसे ज्यादा छोटे व्यापारी और दैनिक मजदूर हैं। इसके अलावा तीन मई को समाप्त सप्ताह तक देश की बेरोजगारी दर 27.1 फीसदी के करीब पहुंच गई है जो कि अब तक सबसे अधिक है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के 12 मई के डेटा से पता चलता है कि भारत में औद्योगिक उत्पादन 16.7 फीसदी तक सिकुड़ गया जो आर्थिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण मापक है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि राष्ट्रव्यापी बंदी के चलते अर्थव्यवस्था को खासा नुकसान हुआ है। 24 मार्च से लागू हुए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद दुकानें, कारखानें और अन्य सेवाएं जैसे पर्यटन, भोजनालय, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद हो गई, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इसी बीच लाखों की तादाद में प्रवासी मजदूर अपने गृह नगर की तरफ से निकल पड़े हैं।
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बता दें कि 26 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में देश में बेरोजगार दर 21.1 फीसदी थी। डेटा के मुताबिक ये पूर्ववर्ती सप्ताह में दर्ज 26.2 फीसदी की तुलना में काफी कम है। आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) के मुताबिक इससे पहले जुलाई 2017-जून 2018 में देश में बेरोजगारी दर 6.1 फीसदी थी जो एक मात्र आधिकारिक सर्वे था जो जून 2019 में जारी किया गया था।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संकट का असर रोजगार बाजार पर साफ दिख रहा है और कुछ कंपनियों ने नई नियुक्तियां टाल दी हैं। हालांकि उद्योग जगत से जो आंकड़े आ रहे हैं, उसे लगता है कि इस साल नियुक्तियां जारी रहेंगी लेकिन उसकी गति जरूर कम होगी। कार्यकारी स्तर के कर्मचारियों को नौकरी के बारे में सूचना देने वाली ग्लोबलहंट की रिपोर्ट के अनुसार इस साल नियुक्ति प्रक्रिया लगभग थम सी गयी है लेकिन कुछ उद्योग ऐसे भी हैं जहां अब भी मांग है और आने वाले समय में मांग बढ़ सकती है।
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ग्लोबल हंट इंडिया के प्रबंध निदेशक सुनील गोयल ने कहा कि लोगों को नौकरी स्वीकार करने को लेकर थोड़ा लचीला रुख अपनाना होगा। साथ ही कंपनियों को भी लचीला रुख अपनाने की जरूरत होगी। कुछ छंटनी हो सकती है, वेतन में भी कटौती होगी, कर्मचारियों को महीने में कम दिन ही काम करने का अवसर मिल सकता है लेकिन एक-दो तिमाही में स्थिति बदलेगी और चीजें ढर्रे पर आएंगी। (एजेंसी इनपुट)
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