Coronavirus News in Hindi: चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना वायरस (COVID-19) इटली होते हुए भारत में भी दाखिल हो चुका है। इस खतरनाक वायरस के संदिग्ध मामले दिल्ली, नोएडा, गाजियाबद समेत आस-पास के राज्यों से सामने आ रहे हैं। लगातार सामने आ रहे इन मामलों के चलते राज्य सरकारें भी हरकत में आ गई हैं और कोरोना वायरस से बचने के लिए एतिहातन कई कदम उठाए जा हैं। गुरुवार (05 मार्च 2020) को दिल्ली सरकार ने 5वीं क्लास तक के सभी स्कूल 31 मार्च तक बंद रखने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने ट्वीटर अकाउंट के जरिए स्कूल बंद करने के लिए कहा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, हमारे बच्चों के बीच COVID-19 के खतरे की संभावना को रोकने के लिए एहतियाती उपाय के रूप में, दिल्ली सरकार ने 31 मार्च तक सभी प्राथमिक स्कूलों (सरकारी / सहायता प्राप्त / निजी / MCD / NDMC) को तत्काल बंद करने का निर्देश दिया है।’
As a precautionary measure to prevent the possibility of spread of COVID-19 amongst our children, Delhi Government has directed immediate closure of all primary schools (Govt/ aided/ private/MCD/NDMC) till 31/3/20
— Manish Sisodia (@msisodia) March 5, 2020
दिल्ली में इस समय सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं भी चल रही हैं, जिसके चलते बुधवार को सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा, ‘कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा दे रहे छात्रों को एग्जाम सेंटर में मास्क और हैंड सैनिटाइजर लेजाने की अनुमति है।’
Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia: From tomorrow, all such schools(upto class 5th) both government & private to remain shut till March 31, in view of #CoronaVirus pic.twitter.com/qlj8NWP6rl
— ANI (@ANI) March 5, 2020
बता दें कि, भारत में कोरोना वायरस के 29 मामलों की पुष्टि होने के साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को सभी स्कूलों को परामर्श जारी किया कि कि वे परिसरों में बड़ी संख्या में छात्रों को एकत्र न होने दें। मंत्रालय ने कहा है कि यदि कोई भी छात्र अथवा स्कूल का कर्मचारी बीते 28 दिन में कोविड-19 से प्रभावित देश से आया है या ऐसे किसी व्यक्ति के संपर्क में आया है तो उस पर निगरानी रखी जाए और उसे 14 दिन के लिए पृथक किया जाए। शिक्षकों से बच्चों में खांसी, बुखार, सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षणों पर नजर रखने और अभिभावकों को तुरंत सूचित करने तथा जांच कराने के लिए कहने का निर्देश दिया गया है।
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