मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूलों को फिर से खोलने के लिए बुनियादी दिशानिर्देश तैयार करने पर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के साथ काम कर रहा है। गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद स्कूल खोल दिए जाएंगे। मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, कक्षा 1 से 5 तक के स्टूडेंट्स जोकि 6 से 10 साल की आयु वर्ग में हैं, इनकी अगले तीन महीनों के लिए कक्षाओं में वापस जाने की संभावना नहीं है। वहीं कक्षा 9, 10, 11 और 12 के स्टूडेंट्स के लिए स्कूल खोले जा सकते हैं। ये दिशानिर्देश यह संकेत देंगे कि निकट भविष्य में स्कूल का जीवन कैसा दिख सकता है।
हालांकि, सीनियर स्टूडेंटस् के लिए भी स्कूल फिर से खोलना आसान नहीं होगा। “सभी सीनियर क्लास के सभी स्टूडेंट्स को एक साथ नहीं बुलाया जाएगा। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि वे कुछ दिनों के लिए बैचों में पहुंचेंगे ताकि स्कूल प्रशासन को बैठने की नई व्यवस्था और स्कूली जीवन के नए नियमों के बारे में जानकारी दी जा सके।
क्लास में बैठने की व्यवस्था में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा, जिसका मतलब है कि दो स्टूडेंट्स के बीच करीब छह फीट की दूरी होगी। इसका सीधा मतलब है कि एक साथ पूरी क्लास को नहीं बुलाया जाएगा। एनसीईआरटी के दिशानिर्देशों के मसौदे से परिचित अधिकारियों ने कहा कि हर क्लास या सेक्शन को 15 से 20 स्टूडेंट्स के बैच में बांटा जाएगा। एक क्लास के हर बैच को ऑल्टरनेट डे पर बुलाया जाएगा। एक दूसरे अधिकारी ने कहा, “स्कूल सीखने के ब्लेंडेड रूप को फॉलो करेंगे, जिसमें एक दिन स्कूल नहीं जाने वाले बैच को होम वर्क दिया जाएगा।” सभी स्टूडेंट्स को क्लास में मास्क पहनना जरूरी होगा। शुरूआत में स्कूल कैंटीन नहीं खोली जाएंगी और स्टूडेंट्स को अपना लंच घर से ही लाने के लिए कहा जाएगा। बच्चों को लंच क्लास में ही करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
पहले कुछ महीनों के लिए मॉर्निंग असेंबली भी प्रतिबंधित होगी। स्कूल कैंपस में जगह-जगह हैंड सैनिटाइजेशन स्टेशन होंगे। साथ ही, माता-पिता को स्कूल परिसर के अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी और बच्चों को गेट पर उतारना होगा। परिसर में प्रवेश करने और छोड़ने वाले बच्चों के लिए अलग-अलग एंट्री और एग्जिट पॉइंट होंगे, ताकि एक जगह भीड़ न हो। कक्षाओं में और अक्सर छुई जाने वाली सतहों को बच्चों के आने से पहले, दिन में एक बार और उनके जाने के बाद साफ करना होगा। एक अधिकारी ने कहा, “चूंकि विभिन्न बैचों का प्रवेश और निकास भी होगा, इसलिए स्कूल अधिकारियों के पास कक्षाओं और सतहों को साफ करने के लिए दो बैचों के बीच पर्याप्त समय होगा।”
दुनिया भर के देशों ने स्कूलों को फिर से खोलने के लिए विभिन्न तरीकों को अपनाया है। यूरोप में, जहां 15 अप्रैल को डेनमार्क में स्कूल फिर से खुल गए, कई देशों ने अपने सबसे कम उम्र के छात्रों को वापस बुलाना शुरू कर दिया। यह निर्णय उपलब्ध वैज्ञानिक सबूतों पर आधारित था कि बच्चों के बीच COVID19 की घटना वयस्कों की तुलना में कम है, लेकिन बड़े बच्चे में इसे फैलने का खतरा हैं।
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