Coronavirus in India: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) हैदराबाद और IIT-Bombay के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 28 प्रतिशत लोगों ने कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बीच अपना रेगुलर ट्रैवलिंग बदस्‍तूर जारी रखा है। इसमें मुख्‍यत: घर से ऑफिस जाने वाले लोग शामिल हैं जिसमें से कईयों ने पब्लिक ट्रांस्‍पोर्ट लेने के बजाय पर्सनल वेहिकल इस्‍तेमाल करना शुरू कर दिया। IIT -हैदराबाद द्वारा कोरोना वायरस के प्रभाव पर की गई स्‍टडी में साझा प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि लगभग 48 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह मार्च के तीसरे सप्ताह में काम करने के लिए घर से बाहर नहीं निकले।

स्‍टडी के मुताबिक, Tier -1 शहरों में यह पाया गया कि लगभग 12 प्रतिशत लोगों ने मार्च के तीसरे सप्ताह के दौरान पब्लिक ट्रांस्‍पोर्ट से प्राइवेट ट्रांस्‍पोर्ट में स्विच किया है। अध्ययन के अनुसार Tier -2 शहरों में लगभग नौ प्रतिशत और Tier -3 शहरों में लगभग सात प्रतिशत लोगों ने ऐसा किया है। स्टडी में यह भी देखा गया कि 18 प्रतिशत लोगों ने इस दौरान अपनी फ्लाइट टिकट्स कैंसिल कीं जबकि 20 प्रतिशत लोगों ने ट्रेन के टिकट कैंसिल किए हैं। यह देखा गया है Tier -1 शहरों में लॉकडाउन के प्रति जागरुकता Tier -2 और Tier -3 शहरों के मुकाबले अधिक है।

इस रीसर्च टीम में डॉ दिग्विजय एस पवार और डॉ प्रीत चटर्जी, सहायक प्रोफेसर, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, IIT हैदराबाद और प्रोफेसर नागेंद्र वेलगा, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, IIT बॉम्बे, और अंकित कुमार यादव, शोध छात्र, IIT बॉम्बे शामिल थे। शोधकर्ताओं ने COVID-19 के दुष्प्रभाव और प्रसार के बारे में खासतौर पर कमज़ोर वर्ग के बीच अधिक जागरूकता फैलाने जरूरत है।

यह अध्ययन, 1,900 से अधिक प्रतिभागियों के साथ, COVID-19 प्रकोप के दौरान लॉकडाउन से ठीक पूर्व भारत में मार्च के तीसरे सप्ताह में लोगों द्वारा की ट्रैवलिंग पर किया गया है। बता दें कि खबर लिखे जाने तक देश में कोराना संक्रमित मरीजों के 2,069 मामले सामने आ चुके हैं जिसमें से 53 की मौत हो चुकी है। 155 मरीज अब तक बीमारी से ठीक होकर घर लौट चुके हैं।

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