Coronavirus in India: देशभर के यूनिवर्सिटी में कक्षाओं और परीक्षाओं को निलंबित कर दिए जाने से अधिकांश छात्रावास खाली हैं। ऐसे में राज्य अधिकारियों ने शैक्षिक संस्थानों से अनुरोध किया है कि वे अपने छात्रावासों को तेजी से फैलने वाले कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में सहायता करने के लिए क्‍वारेंटीन फेसिलिटी के रूप में उपयोग करें। प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे इस तरह के अनुरोध को पूरा करने वाला पहला संस्‍थान है, और इसके चार हॉस्टल और गेस्ट हाउस पहले ही क्‍वारेंटीन फेसिलिटी में बदल गए हैं।

हालांकि, दिल्ली में अधिकारियों द्वारा इसी तरह के अनुरोध को आईआईटी दिल्ली द्वारा ठुकरा दिया गया था। संस्‍थान का कहना है कि भले ही भारतीय छात्र देश के विभिन्न हिस्सों में अपने घर वापस चले गए हैं, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय छात्र अभी भी हॉस्‍टल में हैं।

तेलंगाना के मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (MANUU) में छात्रों और संकाय सदस्यों के विरोध के बावजूद एक क्‍वारेंटीन फेसिलिटी स्थापित की गई है। उन्होंने इस कदम का विरोध करते हुए कहा कि यह कदम परिसर में रह रहे छात्रों को जोखिम में डाल देगा और दावा किया कि यदि क्‍वारेंटीन फेसिलिटी स्थापित की जाती है तो विश्वविद्यालय को लंबी अवधि के लिए बंद करना होगा।

यूपी के ग्रेटर नोएडा में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने COVID-19 के संदिग्ध और कंफर्म मामलों के लिए अपने हॉस्‍टल को क्‍वारेंटीन फेसिलिटी बना दिया है, जिसमें 150 लोग तक रह सकते हैं। ऐसी ही फैसिलिटी औरंगाबाद में डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय (BAMU) में स्थापित की जा रही है।

देश में शैक्षणिक संस्थानों में कक्षाएं और परीक्षाएं कोरोनोवायरस के प्रकोप के मद्देनजर 31 मार्च तक स्थगित हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सोमवार को देश में नवोदय स्कूलों को निर्देश दिया कि वे अपने खाली हुए छात्रावासों को स्थानीय अधिकारियों के लिए उपलब्ध कराएं ताकि किसी भी प्रकार की चिकित्सा सुविधा के रूप में उपयोग किया जा सके।

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