Coronavirus in India: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली के शोधकर्ताओं ने COVID-19 का पता लगाने के लिए टेस्ट किट तैयार करने की एक सस्ती तकनीक विकसित की है। यह तकनीक कोरोना टेस्ट किट के निर्माण की लागत को काफी कम कर सकती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी), पुणे इस तकनीक को क्लीनिकल सैंपल्स पर टेस्ट के लिए मान्यता देने जा रहा है।
प्रतिष्ठित संस्थान के कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज में शोधकर्ताओं द्वारा विकसित “probe-free detection assay” का संस्थान की अनुसंधान प्रयोगशालाओं में परीक्षण किया गया है। टीम के अनुसार, चल रही महामारी के पैमाने को देखते हुए, स्वदेशी किट का विकास बेहद जरूरी है ताकि इसमें होने वाले खर्च को कम किया जा सके।
केंद्र सरकार ने शनिवार को सिफारिश की कि निजी प्रयोगशालाओं द्वारा प्रत्येक COVID-19 परीक्षण के लिए अधिकतम शुल्क 4,500 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।
इस तकनीक को विकसित करने वाले शोध दल में शामिल हैं- पीएचडी स्कॉलरर्स प्रशांत प्रधान, आशुतोष पांडे और प्रवीण त्रिपाठी, पोस्ट-डॉक्टोरल फेलो पारुल गुप्ता, अखिलेश मिश्रा, प्रोफेसर विवेकानंदन पेरुमल, मनोज बी मेनन, जेम्स गोम्स और बिस्वजीत कुंडू।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अनुसार, 21 मार्च को SARS-CoV2 के लिए 16,021 व्यक्तियों में से कुल 16,911 नमूनों का परीक्षण किया गया है और कुल संदिग्ध मामलों में से 315 की पुष्टि हुई है।
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