उत्तर प्रदेश में हाल ही में प्रकाश में आए फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के बाद से राज्‍य के मुख्‍यमंत्री ने फ़र्जीवाड़े को खत्‍म करने के लिए कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। अनामिका शुक्ला मामले के संज्ञान में आने के बाद कई गिरफ्तारियां भी हो रही है तथा बेसिक शिक्षा में हुई फर्जी नियुक्तियों को लेकर SIT और STF जांच भी जुटी है। अब इस मामले में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों में दस्तावेजों के आदेश की जांच के आदेश दिए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 14 जून को कहा कि बेसिक माध्यमिक, उच्च तथा समाज कल्याण के अंतर्गत चलने वाले स्कूलों और कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच की जाएगी। इस जांच के लिए एक डेडिकेटेड टीम का गठन किया जाएगा। इन दस्तावेजों की जांच में जो डिफाल्टर मिलेगा उसपर सख्त कार्यवाही की जाएगी। इन सभी संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की कुल संख्या 6.53 लाख है।

सीएम योगी ने यह निर्देश कुछ दिन पहले कस्तूरबा विद्यालयों में हुई फर्जी नियुक्तियों के मामले के प्रकाश में आने के बाद दिए हैं। इस जांच के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने ह्यूमन रिसोर्स पोर्टल के माध्यम से प्रक्रिया को शुरू भी कर दिया है। इसके लिए नोडल अफसर भी बनाए गए हैं। इस पोर्टल पर सभी बेसिक टीचर्स की मार्कशीट और सर्विस बुक को आपलेड किया जा चुका है। वहीं सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को भी दस्तावेजों की जांच करने को कहा गया है।

अनामिका शुक्ला की फर्जी मार्कशीट पर कई कस्तूरबा विद्यालयों में तैनाती के मामले के बाद वहां भी दस्तावेजों की जांच शुरू हो चुकी है। इन दस्तावेजों की जांच बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दी गई है। उन्हें 26 जून तक रिपोर्ट जमा करने के निर्देश भी दिए गए हैं। जांच शुरू होते ही कई फर्जीवाड़े के मामले सामने आते जा रहे हैं।

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