CBSE Class 12th exams: कोरोना महामारी के दौरान स्कूली बच्चों पर पड़ रहे प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने 17 मई, 2021 को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा सचिवों के साथ बैठक की, जिसमें उन्होने अब तक चल रही शिक्षा नीतियों के बारे में चर्चा की और बोर्ड एग्जाम पर राज्यों से सुझाव भी मांगे।
10वीं बोर्ड परीक्षा रद्द होने और नए मार्किंग सिस्टम की वजह से 12वीं के लिए भी ऐसे ही मार्किंग सिस्टम की डिमांड की जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक, पोखरियाल ने 12वीं की पेंडिंग बोर्ड परीक्षा के बारे में चर्चा की जो कोविड महामारी की वज़ह से हो नही पा रही है।
CBSE पहले ही घोषणा कर चुका है कि 12वीं की परीक्षा के बारे में 1 जून या उसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा। बैठक में शिक्षा मंत्री मे कहा कि महामारी के बावजूद, केंद्र और राज्यों के साथ नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) जैसी एजेंसियों ने ऑनलाइन शिक्षा देने के साथ-साथ नीट-जेईई जैसी परीक्षाओं को आयोजित कराने में कामयाबी हासिल की है।
पोखरियाल ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर ने शिक्षण संस्थाओं को लंबे समय तक बंद रहने के लिए मजबूर कर दिया है। हमें उन जिलों पर भी ध्यान देने की जरुरत है जहां डिजिटल गैप ज्यादा है, जिससे हम वहां के NGOs, लोकल लोगों,बच्चों के माता-पिता और टीचर्स को सशक्त कर सकें।
शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने हाइब्रिड शिक्षा पर जोर दिया। उन्होने कहा-“हमें नई शिक्षा पद्धतियों , नई मार्किंग सिस्टम की जरुरत है। हमारे देश की एजुकेशन सिस्टम को बच्चों में नई सोच, logical reasoning और वैज्ञानिक सोच पैदा करना चाहिए।
पिछले साल मार्च से कोरोना लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद है। कुछ राज्यों ने पिछले साल अक्टूबर से आंशिक रुप से स्कूल खोलना शुरु कर दिया था पर कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्कूलों को फिर से बंद करना पड़ा। पिछले साल कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण बोर्ड एग्जाम को बीच में ही स्थगित करना पड़ा था।
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