नरेंद्र मोदी की सरकार युवाओं का स्किल निखारने की बात शुरू से कहती आ रही है। इस बार के बजट में इसके लिए 3 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। सरकार UAE के साथ मिलकर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएगी और युवाओं की क्षमताओं को निखारेगी। इससे उन्हें रोजगार के ज्यादा अवसर मुहैया हो सकेंगे।

सरकार ने सोमवार को प्रशिक्षु अधिनियम में संशोधन और शिक्षा के बाद प्रशिक्षण पाने वालों, ग्रेजुएट और इंजीनियरिंग डिप्लोमा धारकों के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना में बदलाव का प्रस्ताव रखा। वर्ष 2021 का बजट संसद में पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, इस लक्ष्य के लिए 3000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह रकम युवाओं के उत्थान के लिए खर्च होगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने 2016 में राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना शुरू की थी। सरकार प्रशिक्षु अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव रखती है, ताकि हमारे युवाओं के लिए प्रशिक्षुता के अवसरों में और बढ़ोतरी हो सके। वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना को नए सिरे से तैयार किया जाएगा। इसके लिए विशेषज्ञों से सलाह मशविरा करके ऐसी नीति बनाई जा रही है जो बेहतर परिणाम दे सके।

उनका कहना था कि यह पहल UAE (संयुक्त अरब अमीरात) के साथ साझेदारी में की जा रही है। इसके तहत प्रमाणित कार्यबल के परिनियोजन के साथ कौशल योग्यता का आकलन, समीक्षा और प्रमाणीकरण किया जाएगा । वित्त मंत्री ने कहा, सरकार ने भारत और जापान के बीच सहयोगी प्रशिक्षण अंतर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किया है। इसके तहत जापान के औद्योगिक और व्यवसायिक कौशल, तकनीक और ज्ञान का लाभ लिया जा सकेगा।

सीतारमण ने कहा, हम कई देशों के साथ ऐसी पहल शुरू करेंगे। प्रशिक्षु अधिनियम 1961 में आखिरी बार 2014 में संशोधन किया गया था। ध्यान रहे कि भारत में बेरोजगार युवाओं की भारी भरकम फौज है। कोरोना संकट के बीच जह लॉकडाउन किया गया था तो बेरोजगारी की दर में बहुत ज्यादा इजाफा हो गया था। हालांकि, उसके बाद से इसमें कमी आई है। लेकिन फिर भी बेरोजगार युवाओं की फौज सरकार के लिए एक बड़ी समस्या की तरह से है।

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