Bihar Recruitment 2021: बिहार में लंबे समय से रुकी पड़ी 1.25 लाख शिक्षकों की भर्ती पर जल्द ही कोई बड़ा फैसला होने की उम्मीद है।बिहार सरकार ने दिव्यांग अभ्यर्थियों को चार प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने का हलफनामा पटना हाईकोर्ट में दायर किया है। इसके बाद 1.25 लाख माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति पर लगी कोर्ट की रोक हटने की उम्मीद बढ़ गई है।

28 मई को चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने ब्लाइंड टीचर्स एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले को 31 मई के लिए मुल्तवी करने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि 1.25 लाख रिक्तियों में 4 फ़ीसदी दिव्यांगों के लिए आरक्षित कर लिया गया है। हालांकि, याचिकाकर्ता एसोसिएशन ने कोर्ट को बताया कि दिव्यांगों को मिले चार प्रतिशत आरक्षित पदों को सरकार द्वारा नोटिफाई नहीं किया गया है।

इसके अलावा रिट में याचिकाकर्ता द्वारा तमाम पदों पर एक साथ नियुक्ति होने पर ज़ोर डाला गया। जिस पर एडवोकेट जनरल ने कहा कि 5 हज़ार पद के लिए 1 लाख से ऊपर नियुक्ति को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है।

एडवोकेट जनरल ने इस मामले में कोर्ट के सामने दो विकल्प रखे। उन्होंने कहा कि कुल रिक्तियों का चार प्रतिशत यानी 5 हज़ार पदों को दिव्यांगों के लिए आरक्षित रखते हुए बाकी पदों पर नियुक्ति शुरू की जाए या फिर सभी 1.25 लाख रिक्तियों पर बहाली शुरू करने की अनुमति दी जाए और इस मामले में फैसले के बाद ही आगे का रास्ता तय होगा।

बता दें कि दिव्यांग अभ्यर्थियों को चार प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर ब्लाइंड टीचर्स एसोसिएशन ने याचिका दायर की थी। याचिका में शिक्षकों की नियुक्ति में दिव्यांग अभ्यर्थियों को चार फीसदी आरक्षण का लाभ देने की मांग की गई है। इस याचिका के बाद पटना हाई कोर्ट ने फैसला होने तक करीब सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी।



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