नरेंद्र मोदी सरकार अब अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की क्रीमी लेयर के लिए आय सीमा को मौजूदा 8 लाख रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 12 लाख रुपये करने जा रही है। मौजूदा नियमों के तहत, 8 लाख रुपये या उससे अधिक की वार्षिक आय वाले एक घर को ओबीसी के ‘क्रीमी लेयर’ की कैटेगरी में रखा जाता है और इसलिए यह सरकारी नौकरियों और सरकार द्वारा वित्तपोषित शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के लिए योग्य नहीं है। लेकिन अब सरकार इस सीलिंग को बढ़ाकर 12 लाख रुपये करने के अलावा, प्राइवेट उपक्रमों से प्राप्‍त सैलरी को भी सकल वार्षिक आय में जोड़ने का नियम ला रही है।

सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट द्वारा उठाए जाने की संभावना है। संसद की एक समिति ने आय सीमा को बढ़ाकर 15 लाख करने की सिफारिश की थी मगर इसपर विचार विमर्श करने के बाद इसे बढ़ाकर 12 लाख करने का निर्णय लिया गया।

सरकार के इस फैसले को बिहार चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी का ट्रंप कार्ड भी माना जा रहा है। बिहार में जेडी के साथ गठबंधन वाली भाजपा चुनावों की तैयारी में जोरों से लगी है। देश के गृह मंत्री अमित शाह ने 07 जून को राज्‍य में वर्चुअल रैली भी की।

सरकार और PSU की नौकरी के बीच दर्जे की असमानता पर फिलहाल सहमति नहीं बन पा रही है। सरकारी नौकरी में कर्मचारी कम सैलरी के बावजूद गजटैड के दायरे में आ जाते हैं जबकि PSUs में अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारी भी उस स्‍तर तक नहीं पहुंच पाते। इन नौकरियों के बीच इक्विवेलेंसी तय नहीं हुई है जिसके कारण वेतन को हाउसहोल्‍ड इनकम में जोड़ने के मामले पर फैसला नहीं हो पा रहा है।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, टेलीग्राम पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App। में रुचि है तो



सबसे ज्‍यादा पढ़ी गई





Source link