बिहार में किसकी सरकारी बनेगी, इसका फैसला जल्द होने वाला है। शुरुआती रुझानों में एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व में महागठबंधन अच्छी टक्कर दे रहा है। आरजेडी नेता और लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने 21 दिन में 251 चुनावी सभाएं यानी हर लगभग 12 रैलियां। 31 साल की उम्र में बिहार राजनीति का बड़ा चेहरा माने जाने वाले तेजस्वी यादव युवाओं को लुभाने में कामयाब होंगे या नहीं इसका फैसला जल्द ही चुनाव नतीजों के साथ हो जाएगा। लेकिन क्या आप जानते हैं तेजस्वी यादव अकसर अपनी पढ़ाई को लेकर विरोधियों के निशाने पर रहते हैं। इस चुनाव के दौरान भी एक स्कूल में दाखिला न मिल पाने की खबर ने तूल पकड़ा हुआ है।

दरअसल, तेजस्वी यादव 10वीं भी पास नहीं हैं। उन्होंने क्रिकेट को लेकर जुनून के चलते 10वीं की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। जबकि 9वीं क्लास तक की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली के आरकेपुरम में स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल से की है। हालांकि इसके बाद तेजस्वी ने दिल्ली के ही वसंत वैली स्कूल में एडमिशन लेना चाहा लेकिन एडमिशन नहीं हो पाया। ये अलग बात है तेजस्वी आज बिहार राजनीति के बड़े खिलाड़ी बन चुके हैं और चुनावी हलफनामे के मुताबिक करोड़ों के मालिक है। उनके पास 5 करोड़ 88 लाख की चल अचल संपत्ति है जिसमें 4.73 करोड़ अचल संपत्ति है और 1.15 करोड़ की चल संपत्ति है। इसके अलावा 1.20 लाख की नगदी है। बावजूद इसके वे अकसर ट्रोलर्स के निशाने पर भी आ जाते हैं। इन दिनों भी स्कूल में एडमिशन न मिल पाने की खबर कई जगह मिल जाएगी।

बता दें कि साल 2019 में फोर्ब्स ने बिजनेस वूमेन रोशनी नादर मल्होत्रा को विश्व की 100 सबसे ताकतवर महिलाओं में शामिल किया था। उन्होंने अपनी पढ़ाई वसंत वैली स्कूल से की है और आगे की पढ़ाई नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से की है। आपको याद होगा 2019 में उन्हें IT की दिग्गज कंपनी HCL टेक्नोलॉजीज की चेयरपर्सन बनाया गया है, उन्होंने पिता शिव नादर की जगह ली है। एचसीएल की वेबसाइट के मुताबिक, एचसीएल इंटरप्राइज 9.9 अरब अमरीकी डॉलर की कंपनी है यानी वे इस समय भारत की सबसे अमीर महिला हैं।

वसंत वैली स्कूल, नई दिल्ली, 1990 में स्थापित, सेल्फ-फाइनेंसिंड स्कूल है जिसका परिसर आठ एकड़ में फैला हुआ है, और इसमें साइंस और कंप्यूटर लैब हैं। यहां कक्षा 10वीं और 12वीं सीबीएसई में मेरिट हासिल करने वाले छात्रों को योग्यता पुरस्कार दिया जाता है। इसके अलावा, मेरिट अवार्ड उन छात्रों को दिया जाता है, जिन्हें परीक्षा में देश भर के शीर्ष 0.1% उम्मीदवारों में रखा गया हो।

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