बिहार बोर्ड मैट्रिक 2020 रिजल्ट जारी कर दिया गया है। इसी के साथ 15 लाख बच्चों का इंतजार भी खत्म हो गया। इस बार 80.59 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए हैं। हालांकि 12वीं के रिजल्ट की तरह ही 10वीं का रिजल्ट भी बिना प्रेस कॉन्फ्रेंस के ही जारी किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बोर्ड वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए टॉपर्स से बातचीत करेगा। इस साल 10वीं की परीक्षा में हिमांशु टॉपर बने हैं जिन्होंने हर दिन 14 घंटे पढ़ाई कर यह कमाल किया है। हिमांशु राज ने परीक्षा में 500 में से कुल 481 नंबर प्राप्त किए हैं। उन्होंने 96.20 फीसदी अंकों के साथ मैट्रिक की परीक्षा टॉप की है। वह रोहतास के जनता हाई स्कूल से पढ़ें हैं। आइए जानते हैं हिमांशु राज ने कैसे की थी तैयारी और क्या थी उनकी रूटीन-
हिमांशु ने कैसे की थी तैयारी: इंटरव्यू के दौरान हिमांशु ने बताया कि वह रोजाना कम से कम 14 घंटे पढ़ाई करते थे। उन्होंने कहा कि उन्हें टॉप 10 में आने की उम्मीद तो थी, लेकिन टॉप करने की उम्मीद नहीं थी। यह एक तरह सपना सच होने जैसा है। उन्होंने यह भी बताया कि वह स्कूल जाने के अलावा कोचिंग भी करते थे। हिमांशु के मुताबिक उनके पिता किसान हैं और प्राइवेट ट्यूशन भी पढ़ाते हैं। वह भी उन्हें रोज गाइड किया करते थे। हिमांशु ने कहा, “यह मेरे शिक्षकों और मेरी कड़ी मेहनत का ही परिणाम है कि मुझे अच्छे नंबर मिले। सभी विषयों को मिलाकर मुझे कम से कम 93 प्रतिशत के आसपास अंक मिलने की उम्मीद थी। लेकिन मुझे जो अंक मिले हैं उससे काफी खुश हूं।”
हिमांशु आगे क्या करेंगे: हिमांशु साइंस स्ट्रीम से 12वीं करेंगे। इसके बाद उनकी कोशिश होगी कि अच्छे कॉलेज में दाखिला मिल सके और सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनकर अपना सपना पूरा कर सकें।
माता-पिता भी हैं बेहद खुश: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बेटे के बिहार टॉप करने से पिता सुभाष सिंह बेहद उत्साहित हैं। इंटरव्यू में बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “इसने हमारा सपना पूरा कर दिया। हम सब हमेशा यही कोशिश करते थे कि बेटे को पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं हो। मां भी कभी कोई काम नहीं कहती थी ताकि बेटा अच्छे से पढ़ाई कर सके। मां-बाप का कहना है कि बेटा आगे जो भी करना चाहता है, उसका पूरा सपोर्ट करेंगे।”
बता दें कि बिहार बोर्ड 10वीं की परीक्षाएं 24 फरवरी को खत्म हो गई थीं। इसके कुछ ही दिनों के बाद मार्च में कोरोना वायरस महामारी के कारण देशभर में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था। इस वजह से छात्रों के पेपर चेक नहीं हो पाए थे और रिजल्ट जारी करने में इतना वक्त लगा।
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