बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के एक छात्र ने मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान कई बीएचयू छात्रों की गिरफ्तारी के विरोध में अपनी मास्टर्स डिग्री को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। छात्रों को पुलिस द्वारा 19 दिसंबर को नए नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में भाग लेने और धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

हालांकि, बीएचयू के प्रवक्ता राजेश सिंह ने कहा कि इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में बीएचयू के छात्र शामिल हैं, क्योंकि पुलिस ने अधिकारियों को गिरफ्तार हुए लोगों की कोई सूची नहीं सौंपी है। वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) पी प्रभाकर चौधरी ने कहा कि पिछले गुरुवार को बेनियाबाग इलाके से 54 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकी है इनमें से BHU का कोई भी छात्र शामिल है या नहीं।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में छात्र रजत सिंह नज़र आ रहे हैं जो अपने दीक्षांत समारो‍ह के दौरना आर्ट्स स्‍ट्रीम के डीन को अपना पक्ष समझा रहे हैं तथा अपनी डिग्री लेने से इंकार कर रहे हैं। उन्‍होनें मीडिया से कहा, “मैं आर्ट्स स्‍ट्रीम का छात्र हूं और मंगलवार को हमारा दीक्षांत समारोह था। मैंने अपनी डिग्री को स्वीकार नहीं किया क्योंकि 19 दिसंबर को नए नागरिकता कानून के विरोध के दौरान कई छात्रों को गिरफ्तार किया गया था और मैं गिरफ्तारियों का विरोध करता हूं। मैं इस सांप्रदायिक कानून का विरोध करता हूं, मैं ऐसे किसी भी कानून का विरोध करता हूं जो राष्ट्र को विभाजित करने का प्रयास करता है। मंगलवार को मेरे साथ जिन छात्रों को दीक्षांत समारोह में होना चाहिए था, वे जेल में बंद हैं और प्रशासन को इससे कोई फर्क भी नहीं पड़ता है।”

बीएचयू में संयुक्त कार्रवाई समिति (JAC) के सदस्य और प्रथम वर्ष के MA के छात्र प्रियेश पांडे ने दावा किया कि पिछले गुरुवार को गिरफ्तार किए गए 12 लोग बीएचयू के छात्र थे और अभी भी जेल में हैं। उन्‍होनें कहा, “12 में से 3 PHd छात्र और एक BA छात्र है। शेष MA के छात्र हैं। मंगलवार को इन छात्रों को सत्र अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया जिसकी सुनवाई की अगली तारीख 1 जनवरी है। ये छात्र जेल में हैं और प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है।”

विश्वविद्यालय के प्रवक्ता राजेश सिंह ने कहा, “अगर वे [पुलिस] हमें गिरफ्तार किए गए लोगों का रिकॉर्ड भेजते हैं, तो हम अपने डोजियर के साथ मिलान कर सकते हैं … तभी हम निश्चित रूप से कुछ भी कह सकते हैं। इसके अलावा, भले ही किसी को बीएचयू कैंपस के बाहर कानून तोड़ने के दौरान गिरफ्तार किया गया हो, लेकिन विश्वविद्यालय बहुत कुछ नहीं कर सकता है।”

SSP चौधरी ने कहा, “इन लोगों को बीएचयू से नहीं, बल्कि बेनियाबाग से गिरफ्तार किया गया था, जो लगभग 400 अन्य लोगों की भीड़ के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। गिरफ्तार हुए लोग बीएचयू के छात्र नहीं बल्कि वामपंथी दलों के कुछ नेता थे। वे यह जानने के बावजूद कि वहाँ विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं है, एक योजना के साथ आए थे क्योंकि बेनियाबाग, जो बीएचयू से लगभग 8 किमी दूर है, एक संवेदनशील क्षेत्र है। अगर बीएचयू का कोई छात्र गिरफ्तार है, तो हम इसकी पुष्टि नहीं कर सकते।”

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