कांग्रेस प्रवक्‍ता हेमंग रावल ने स्‍कूलों में गीता पढ़ाने का तो समर्थन किया, लेकिन सरकार को शिक्षा व्‍यवस्‍था के मुद्दे पर घेरते हुए कहा, “गुजरात में स्कूल छोड़ने वालों की संख्या सबसे अधिक है और कई छात्र कक्षा 8 तक पढ़ना-लिखना भी नहीं जानते हैं। उम्मीद है कि सरकार उनके लिए भी कुछ करेगी।”

गुजरात के स्‍कूलों में छठी क्‍लास से लेकर 12वीं तक गीता पढ़ाई जाएगी। गुरुवार (17 मार्च 2022) को गुजरात असेंबली में राज्‍य के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने कहा कि छात्रों को गीता और उसके श्‍लोकों की समझ होनी चाहिए। बीजेपी सरकार के इस फैसले का कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भी स्‍वागत किया है। इस संबंध में गुजरात सरकार की ओर से सर्कलुर जारी कर दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि ऐसा करने के पीछे आइडिया यह है कि छात्र गौरव की अनुभूति करें और अपनी परंपराओं से एक जुड़ाव भी हो सके।

भारतीय संस्कृति को स्कूली पाठ्यक्रम में इस तरह से शामिल किया जाना चाहिए जो छात्रों के समग्र विकास के लिए अनुकूल हो। गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने कहा, “श्रीमद्भगवद गीता के मूल्यों, सिद्धांतों और महत्व को सभी धर्मों के लोगों ने स्वीकार किया है। कक्षा 6 में श्रीमद्भगवद गीता को इस तरह से पेश किया जाएगा कि छात्रों की इसमें रुचि पैदा हो।”

उन्होंने आगे कहा, “छात्रों को गीता का महत्व बताया जाएगा। बाद में कहानियों को श्लोक, श्लोक गीत, निबंध, वाद-विवाद, नाटक, प्रश्नोत्तरी आदि के रूप में पेश किया जाएगा। सरकार स्‍कूलों में यह सबकुछ उपलब्‍ध कराएगी।” राज्य सरकार की ओर से जारी सर्कुलर में आगे बताया गया है कि श्रीमद्भगवद गीता कक्षा 6-12 से पाठ्य पुस्तकों में कहानियों और पाठ के रूप में पेश की जाएगी। कक्षा 9-12 के लिए छात्रों को गीता का गहन परिचय दिया जाएगा। सर्कुलर में कहा गया है, “गीता पर श्लोक पाठ, निबंध, पेंटिंग, निबंध, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आदि होनी चाहिए। पाठ्यक्रम को ऑडियो विजुअल के साथ मुद्रित किया जाना चाहिए।”

वहीं, विपक्षल दल- कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गीता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने के फैसले का स्वागत किया है। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता हेमंग रावल ने कहा, “हम गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्णय का स्वागत करते हैं, लेकिन गुजरात सरकार को भी गीता से ही सीखने की जरूरत है। गीता स्पष्ट रूप से कहती है कि किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए आपको पहले उस स्थिति को स्वीकार करना होगा। गुजरात में शिक्षा की वर्तमान स्थिति क्या है? कुल 33,000 स्कूलों में से केवल 14 स्कूल ए-प्लस ग्रेड स्कूल हैं। 18,000 तक शिक्षकों के पद खाली हैं और 6,000 स्कूल बंद हैं।”




Source link