BLA Majeed Brigade: पाकिस्तान में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी Balochistan Liberation Army (बीएलए) ने कहर बरपाया हुआ है। रविवार को इस विद्रोही संगठन ने दावा किया कि उसने पाकिस्तानी फौज के काफिले को निशाना बनाया और इसमें फौज के 90 जवानों की मौत हुई है हालांकि सेना ने इससे इनकार किया है। सेना की ओर से कहा गया है कि बीएलए के द्वारा किए गए आतंकी हमलों में पांच लोग शहीद हुए हैं। इनमें से तीन सेना के जवान और दो नागरिक शामिल हैं।
बीएलए ने सेना के काफिले पर हमले का वीडियो भी जारी किया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि विस्फोट के बाद एक बस से धुआं निकल रहा है। इससे पहले हमले की कुछ तस्वीरें भी सामने आई थी जिसमें कुछ गाड़ियों के परखच्चे उड़े हुए थे।
बीएलए ने बयान जारी कर कहा है कि पाकिस्तान सेना के काफिले को मजीद ब्रिगेड ने बीएलए की एक और यूनिट फतेह स्क्वाड के साथ मिलकर निशाना बनाया। फौज के इस काफिले में 8 बसें शामिल थीं और एक बस इस धमाके में पूरी तरह तबाह हो गई। बीएलए ने इस आतंकी हमले को बलूचिस्तान प्रांत के नोश्की में अंजाम दिया। यह शहर बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से 150 किमी. दूर है।
बीएलए ने कहा है कि विस्फोट करने के बाद फतेह स्क्वॉड फौज के काफिले के पास पहुंचा और बस में मौजूद सभी जवानों को गोली से उड़ा दिया। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने इस हमले की निंदा की है और पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने पर अफसोस जाहिर किया है।
आत्मघाती हमला था- फौज
पाकिस्तान फौज का कहना है कि यह एक आत्मघाती हमला था और उस दौरान जवान क्वेटा से तफ्तान बॉर्डर की ओर जा रहे थे। फौज ने कहा है कि एक बस को आईईडी से लदे वाहन ने टक्कर मार दी। विद्रोहियों ने एक और बस को Rocket-Propelled Grenades (RPGs) से निशाना बनाया।
आत्मघाती दस्ता है मजीद ब्रिगेड
मजीद ब्रिगेड बीएलए का आत्मघाती दस्ता है। इस दस्ते का नाम दो भाइयों के नाम पर रखा गया है, जिन्हें मजीद लैंगोव कहा जाता था। अलग बलूचिस्तान के लिए चल रहे विद्रोह में इन दोनों भाइयों का इतिहास बेहद अहम है।
मजीद ब्रिगेड ने दिया कई वारदातों को अंजाम
मजीद ब्रिगेड ने पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान में कई बड़े हमले किए हैं। मजीद ब्रिगेड ने अपना पहला आत्मघाती हमला 30 दिसंबर, 2011 को किया। इस हमले में कम से कम 14 लोग मारे गए और 35 घायल हुए। इसके बाद यह संगठन कुछ समय तक शांत रहा लेकिन 2018 में फिर से सक्रिय हुआ। 2018 में मजीद ब्रिगेड ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पास दलबंदिन में चीनी इंजीनियरों की बस पर हमला किया गया। 2018 में इसने कराची में चीनी वाणिज्य दूतावास (Chinese Consulate) पर हमला किया।
बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा में लगातार हो रहे धमाके
बलूचिस्तान के हालात को देखकर ऐसा साफ दिखाई देता है कि पाकिस्तान की हुकूमत और फौज यहां पूरी तरह लाचार है क्योंकि बलूच विद्रोहियों के द्वारा एक के बाद एक आत्मघाती बम धमाकों के साथ ही हमलों को भी अंजाम दिया जा रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान के एक और सूबे खैबर पख्तूनख्वा में भी लगातार बम धमाके होते रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान के सामने इन दोनों ही सूबों में कानून व्यवस्था की स्थिति को बहाल करना बहुत बड़ी चुनौती है।
चार खतरनाक आतंकी गुटों से जूझ रहा पाकिस्तान क्या बिखरने की कगार पर है?
जाफर एक्सप्रेस को किया था हाईजैक
कुछ दिन पहले ही बीएलए के विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया था और दावा किया था कि उसने बड़ी संख्या में लोगों और पाक फौज के जवानों को मार दिया है हालांकि फौज ने उसके दावों को खारिज किया था। ना सिर्फ बीएलए बल्कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, इस्लामिक स्टेट खोरासन और अफगान तालिबान भी पाकिस्तान के लिए मुसीबत बन गया है।
एक ओर आतंकी संगठन पाकिस्तान में लगातार आतंकी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं तो दूसरी ओर एक के बाद एक बम धमाके भी हो रहे हैं। रमजान शुरू होने के बाद से ही पाकिस्तान में कई बम धमाके और आतंकी हमले हो चुके हैं। शुक्रवार को खैबर पख्तूनख्वा की एक मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान बम विस्फोट हुआ था। उससे पहले बन्नू स्थित आर्मी कैंटोनमेंट पर बड़ा आतंकी हमला हुआ था।
क्लिक कर जानिए क्या है मजीद ब्रिगेड जिसने पाकिस्तान में जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक किया?
Source link