बाबा रामदेव की पतंजलि योगपीठ अब एजुकेश सेक्टर में आने की तैयारियां कर रही है। पतंजलि का भी एएमयू और सीबीएसई बोर्ड की तरह ही अपना बोर्ड होगा जिसके तहत वह अपनी पढ़ाई कराएगा। पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक जल्द ही इस बोर्ड के तहत प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बोर्ड को सरकार की देखरेख में काम करने की परमिशन मिल गई है। इस बोर्ड के तहत संस्कृत, संस्कार, वेद, नैतिक मूल्यों और रोजगार के साथ ही आधुनिक शिक्षा भी दी जाएगी। आचार्य बालकृष्ण ने दैनिक भास्कर को बताया था कि बुधवार 25 नवंबर को महर्षि संदीपनी राष्ट्रीय वेदविद्या प्रतिष्ठान की गवर्निंग काउंसलि ने आधिकारिक रूप से पतंजलि का चुनाव किया था। हालांकि अभी औपचारिक रूप से आदेश जारी नहीं हुआ है।

पतंजलि अपने ऑर्गनाइजेशनल विंग्स जैसे आचार्यकुलम, वैदिक गुरुकुलम, वैदिक कन्यागुरुकुलम और पतंजलि विश्वविद्यालय के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहा है। पतंजलि के मुताबिक उसका टारगेट देशभर में 500 से अधिक आचार्यकुलम स्थापित करना है, गुरुकुल प्रणाली की प्राचीन परंपरा को फिर से स्थापित करना और दुनिया के सबसे बड़े विश्वविद्यालय की स्थापना करना है जहां दुनिया भर के एक लाख छात्र लीडरशिप, अध्यात्म का ज्ञान प्राप्त करने के लिए आएंगे और पर्सनलिटी डिवेलपमेंट और कुशलता से दुनिया का नेतृत्व करने में सक्षम होंगे। पतंजलि ने करोड़ों रुपये खर्च किए हैं और इस पर खर्च किया जाना बाकी है।

स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में ‘आचार्यकुलम’ का उद्घाटन 26 अप्रैल, 2013 को हुआ था। ‘आचार्यकुलम’ एक आवासीय शैक्षणिक संस्थान है। हमारे पूर्वजों ऋषियों और मुनियों और अति-आधुनिक वैज्ञानिक, व्यावसायिक और आज की सक्षम शिक्षा प्रणाली द्वारा प्राचीन गुरुकुलों में ज्ञान और ज्ञान प्रदान करने की सदियों पुरानी परंपरा का संगम है।

पतंजलि के आचार्यकुल में अभी 5वीं से लेकर 12 तक की पढ़ाई कराई जाती है। आचार्यकुलम् में शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी है और साथ में हिंदी, संस्कृत, वेद व शास्त्र की भी शिक्षा दी जाती है। लड़कियों के लिए भी यही प्रवेश प्रक्रिया है और 160 बच्चों में 80 लड़कियां और 80 लड़के चयनित होते हैं I लड़कों व लड़कियों की कक्षाएं व हॉस्टल अलग अलग हैं। कक्षा पांचवी में प्रवेश के लिए बच्चे की आयु प्रवेश वर्ष में 1 अप्रैल तक 9 साल से कम और 11 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए, और बच्चा कक्षा चार में शिक्षारत होना चाहिए |

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