जॉकीइंग के रूप में आप आमतौर पर तीन रूपों में काम कर सकते है :- रेडियो जॉकी (आरजे), वीडियो जॉकी (वीजे) और डिस्क जॉकी (डीजे)। ये तीनों अपने अपने क्षेत्र में रचनात्मक हैं पर तीनों में समानता ये है की तीनों संगीत के साथ काम करते हैं। जहां आरजे रेडियो पर कार्यक्रम प्रस्तुत करता है तो उसकी रचनात्मकता ये की वो सुनने वालों को कल्पना कराता है। वहीं, वीजे टीवी पर कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। डीजे अपने संगीत के ज्ञान से लोगों को अपनी उंगलियों पर नाचने पर मजबूर कर देते हैं।

अब बारी आती है कि यहां काम कौन सर सकता है तो सीधी बात है जिसे इस क्षेत्र का ज्ञान होगा। वही यहां काम कर सकता है। हाल के सालों में एफएम चैनलों के विस्तार ने रेडियो में काम करने वाले युवाओं को कई संभावनाएं उपलब्ध कराई हैं। अब सभी रेडियो चैनलों में रेडियो जॉकी के रूप में अपने करिअर बनाने की कई बहुत सारी संभावनाएं सामने हैं। कई लोगों का मानना है कि मैं बहुत बातें करता हूं तो मैं रेडियो जॉकी बन सकता हूं, इस तरह की सोच बिलकुल गलत है।

ये गुण जरूरी

– आपकी हिंदी या अंग्रेजी भाषा पर अच्छी तरह से पकड़ होनी चाहिए। साथ ही साथ अगर आपको कोई क्षेत्रीय भाषा आती है तो ये ‘सोने पर सुहागा’ होगा।
– आपकी बोली का स्वर प्रभावशाली, मधुर और सुनने में अच्छा होना चाहिए।
-आपको किसी भी एक विषय पर चार-पांच मिनट तक धारा प्रवाह बोलना आना चाहिए।
– अगर आप पुरुष हैं और आपकी बोली महिला जैसी नहीं होनी चाहिए। और अगर आप एक महिला हैं तो आपकी आवाज पुरुषों जैसी नहीं होनी चाहिए।
– आपको दूसरों से बातचीत करने में गीत, संगीत या भाषण में सुनने में दिलचस्पी होनी चाहिए।
– आपको देश विदेश की घटनाओं के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए यानी आपकी सामान्य जानकारी बेहतर होनी चाहिए।
– आप जोशीले, हंसमुख, अच्छे स्वाभाव के, धैर्यवान और आत्मविश्वासी होना चाहिए।
– आपके बात करने का, कुछ प्रस्तुत करने का, बोलने का कोई अलग अंदाज होना चाहिए जो दूसरों को प्रभावित कर सके।
कार्य प्रकृति
सबसे पहली बात रेडियो जॉकी के काम का कोई निश्चित समय नहीं होता है। उसे अपने कार्यक्रम की स्क्रिप्ट खुद तैयार करनी होती है। अपने कार्यक्रम के संचालन के साथ-साथ श्रोताओं से बातचीत करता है, साथ में ही उनकी पसंद को ध्यान में रख कर गाने भी चलाने पड़ते है। कभी-कभी स्टूडियो में आए हुए मेहमानों का साक्षात्कार भी करना होता है, जिसके लिए भी उसे स्क्रिप्ट लिखनी होती है। इसके साथ समय-समय पर महत्त्वपूर्ण जानकारियां देना, मौसम का हाल, मैच का स्कोर और ट्रैफिक के हाल जैसी जानकारी भी उपलब्ध करानी होती है। इन सभी चीजों के लिए आपको खुद को अपडेट रहना पड़ता है।

योग्यता और कौशल

रेडियो जॉकी बनने के लिए वैसे तो किसी खास शैक्षणिक योग्यता की जरूरत नहीं है पर फिर भी स्नातक होना जरूरी है। यहां पर ये महत्त्वपूर्ण है की आपकी आवाज की गुणवत्ता बहुत अच्छी होनी चाहिए मतलब आपकी आवाज कर्णप्रिय के साथ-साथ मीठी हो जो की सुनने में कान में घुलने लगे। आपका हंसमुख स्वभाव गजब का होना चाहिए ताकि सुनने वालों के किसी भी सवाल का जवाब आप उसके मुताबिक दे सकें, भले ही उसने आपसे बड़ा ही बेतुका सा सवाल किया हो आपको उस स्थिति को संभालने करने का तरीका आना चाहिए। वर्तमान की घटनाओं की आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए कि आपके आसपास क्या घट रहा है और आप उससे पूरी तरह से वाकिफ रहे।

भविष्य में संभावनाएं

कुछ वर्षों में रेडियो का विस्तार बहुत तेजी से हुआ है और कई सारे नए नए चैनल खुले हैं। रोजगार की संभावनाएं भी बहुत बढ़ गई हैं। आने वालो कुछ महीनो में 300 छोटे शहरो में 799 एफएम चैनल खुलने वाले हैं तो जाहिर से बात है की अवसर काफी बढ़ जाएंगे। इसके साथ साथ एक आरजे विभिन्न समारोह में भी उद्घोषणा का काम करते हैं। आपकी आवाज अच्छी होती है तो आपको पार्श्व स्वर का काम भी बहुत मिलता है। यही कारण है कि आज आप जितने भी रेडियो में विज्ञापन सुनते हैं, उनमें अधिकतर में आरजे की आवाज होती है।

पाठ्यक्रम और संस्थान

आज आरजे पाठ्यक्रम को कराने के लिए कई सारे संस्थान खुल गए हैं। जो 15,000 से लेकर एक लाख रुपए तक में पाठ्यक्रम कराते हैं। इन पाठ्यक्रम की अवधि 3-12 महीने की होती है लेकिन किसी भी संस्थान में दाखिला लेने से पहले ये जानना बेहद जरूरी है कि वहां पर शिक्षक कौन आते हैं। वे किस चैनल में काम करते हैं। उस संस्थान में प्रशिक्षण की कितनी संभावना हैं। आॅडिशन के बारे में जानकारी देते है या नहीं। उस संस्थान से पास हुए विद्याथी आज कहां पर किस चैनल में काम कर रहे है। संस्थान के बारे में ये सभी जानकारी पता करना आपके लिए फायदेमंद होता है।
मनीष आजाद ‘रेडियावाला’
(रेडियो जॉकी, एफएम रैनबो)

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