उच्च शिक्षा में सकल पंजीकरण अनुपात (जीईआर) पिछले पांच साल में 11 फीसद से अधिक बढ़ा है। वहीं, इसी अवधि में पढ़ाई के लिए महिलाओं का पंजीकरण 18 फीसद से अधिक बढ़ा है। उच्च शिक्षा के अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआइएसएचई), 2019-20 में यह बात सामने आई है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, देश में 2015-16 से 2019-20 की अवधि में विश्वविद्यालयों की संख्या 30.5 फीसद बढ़ी है।
वहीं, इसी अवधि में उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले कॉलेजों की संख्या करीब 8.4 फीसद बढ़ी है। सर्वेक्षण में कुल 1,019 विश्वविद्यालय, 39,955 कॉलेज और 9,599 अन्य संस्थानों ने भाग लिया। इसमें देश में उच्च शिक्षा की मौजूदा स्थिति पर प्रमुख संकेतकों का उल्लेख किया गया है। साल 2019-20 में सकल पंजीकरण अनुपात या उच्च शिक्षा में पंजीकरण कराने वाले पात्र आयु समूह के विद्यार्थियों का फीसद 27.1 है, जिसमें 2018-19 (26.3 फीसद) और 2014-15 (24.3 फीसद) से वृद्धि दर्ज की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक 2015-16 में देश में विश्वविद्यालयों की संख्या 799 थी, जो 2019-20 में 30.5 फीसद बढ़कर 1,043 हुई. 2015-16 में देश में कॉलेजों की संख्या 39,071 थी, जो 2019-20 में 8.4 फीसद बढ़कर 42,343 हुई। देश में सर्वाधिक छात्र पंजीकरण उत्तर प्रदेश में दर्ज किया गया, जहां 49.1 फीसद छात्र और 50.9 फीसद छात्राएं हैं।
अध्यापक पात्रता परीक्षा आजीवन मान्य
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से की गई घोषणा के मुताबिक अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अवधि जो पहले सात साल थी, अब उसे हमेशा के लिए बढ़ा दिया गया। शिक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा है कि यह व्यवस्था 2011 से लागू होगी। मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उन उम्मीदवारों को नए सिरे से टीईटी प्रमाणपत्र जारी करने या जारी करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की आवश्यकता होगी, जिनकी सात वर्ष की अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है। शिक्षण क्षेत्र में करिअर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम होगा। अध्यापक पात्रता परीक्षा एक उम्मीदवार के लिए स्कूलों में शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र होने के लिए आवश्यक योग्यताओं में से एक है। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद के 11 फरवरी, 2011 के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि टीईटी राज्य सरकारों द्वारा आयोजित की जाएगी और इसके प्रमाणपत्र की वैधता सात साल रहेगी।
इग्नू ने अधिन्यास जमा कराने की तिथि बढ़ाई
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने सत्रांत परीक्षा से संबंधित अधिन्यास, परीक्षा फॉर्म, प्रोजेक्ट रिपोर्ट आदि को जमा कराने की तिथि को बढ़ाकर 30 जून, 2021 कर दिया है। इसके तहत सत्रांत परीक्षा जून 2021 के लिए आॅनलाइन परीक्षा फॉर्म, आॅनलाइन या भौतिक रूप से अधिन्यास जमा कराए जा सकते हैं। इसके अलावा सत्रांत परीक्षा जून 2020 और दिसंबर 2020 के लिए एक हजार रुपए के साथ आॅनलाइन या भौतिक रूप से डीईसीई कार्यक्रम के लिए डीईसीई 4 प्रोजेक्ट रिपोर्ट जमा करा सकते हैं। विद्यार्थी अधिक जानकारी के लिए इग्नू की वेबसाइट पर समय-समय जाकर सकते हैं।
अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय में स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले शुरू
अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय (एएमयू) ने स्नातक में दाखिले की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एएमयू दाखिला 2021 की प्रक्रिया पूरी तरह से आॅनलाइन है। आवेदन के इच्छुक उम्मीदवार विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। एएमयू द्वारा विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। हालांकि, कुछ पाठ्यक्रमों में दाखिला योग्यता के आधार पर दिया जाएगा, यानि इन पाठ्यक्रमों में दाखिला बारहवीं के अंकों के आधार पर तैयारी की गई योग्यता सूची के अनुसार दिया जाएगा। विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए आॅनलाइन पंजीकरण की आखिरी तारीख बिना विलंब शुल्क के आठ जुलाई 2021 निर्धारित की गई है। एएमयू में ऐसे उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं जिनका बारहवीं का परिणाम अभी घोषित नहीं किया गया है।
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