7th Pay Commission Latest News in Hindi: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राज्य सरकार के कर्मचारियों के दिन बहुर सकते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि राज्य में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की जा सकती हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि खुद केंद्रीय गृह मंत्री और सीनियर बीजेपी नेता जेपी नड्डा ने कहा था- अगर बंगाल में BJP की सरकार बनी, तो वह सूबे में 7th Pay Commission को लागू कर देगी।

फरवरी में दक्षिण 24 परगना में पार्टी की पांचवीं और आखिरी ‘परिवर्तन यात्रा’ को हरी झंडी दिखाने के दौरान उन्होंने कहा था, “मैं आपको आश्वासन देता हूं कि अगर आप बीजेपी को वोट देकर सत्ता में लाते हैं, तब हम राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए सातवां वेतन आयोग लागू कर देंगे। बीजेपी सरकार महिलाओं के लिए 33 फीसदी से अधिक सरकारी नौकरियां आरक्षित रखेगी।” सातवां वेतन आयोग अगर बंगाल में अमल में आ जाता है, तब उससे लाखों राज्य सरकार के कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।

शाह के मुताबिक, “मछुआरा समुदाय के लिए हम लोग विकासपरक कार्यक्रमों की सीरीज चलाएंगे। करीब चार लाख मछुआरों को सालाना छह हजार रुपए की सब्सिडी मिलेगी। यह उन्हें किसान सम्मान निधि योजना की ही तरह नई स्कीम मछुआरा सम्मान निधि के अंतर्गत दी जाएगी। मछुआरों को उनकी चीज का सही दाम मिले, इसके लिए हम एक संगठन बनाएंगे, जो मुछाआरों द्वारा बनाए/लाए जाने वाले सामान के लिए काम करेगा। अलग से एक मंत्री को उसका प्रभार दिया जाएगा।”

शाह ने ये बातें चुनावी समर के दौरान कही थीं और अब पार्टी के मैनिफेस्टो में भी इसी से जुड़ी बातें शामिल की जा सकती हैं। रविवार यानी 21 मार्च, 2021 को आ रहे बंगाल बीजेपी के घोषणा-पत्र में सबसे अधिक विकास पर जोर हो सकता है। साथ ही सूबे को भ्रष्ट छवि से उबार कर निवेश का बड़ा हब बनाना एजेंडा हो सकता है।

सूत्रों ने समाचार एजेंसी ANI को बताया की चूंकि पार्टी ने ढेर सारे कलाकारों को टिकट दिया है, उस लिहाज से वह यूपी की तर्ज पर बंगाल में अलग फिल्म इंडस्ट्री के लिए जमीन का वादा या ऐलान भी कर सकती है। अगर पार्टी अपनी सरकार बनने के बाद ऐसा कर देती है, तब इससे भी राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

घोषणा पत्र में इंटरनेशनल बॉर्डर्स के विकास, बाजारों को बूस्ट देने, लोकल फॉर वोकल के एजेंडे को धार देने, इंडस्ट्रीज में नई जान फूंकने, किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए जमीन अधिग्रहण की नीति, तकनीक के जरिए किसानों की आय बढ़ाने, जूट और चाय उद्योग को रफ्तार देने और पुलिस तंत्र के नवीनीकरण पर जोर दिया जा सकता है। पार्टी इसके अलावा इसमें टीएमसी सरकार की नाकामियों और खराब नीतियों पर भी हमलावर हो सकती है।



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