7th Pay Commission: भारतीय रेलवे के 8 रेलवे कैडर को आपस में जोड़कर एक इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सिस्‍टम (IRMS) बनाने और रेलवे सिस्‍टम को रीस्‍ट्रक्‍चर करने के बोर्ड ने नये प्‍लान के एक हिस्‍से के तौर पर अब भारतीय रेलवे में शीर्ष प्रशासनिक पदों को अकेले वरिष्ठता के आधार पर भरने के बजाय अब एक पैनल द्वारा चयन के माध्यम से भरा जाएगा। कैबिनेट ने IRMS सिस्‍टम को पिछले साल दिसंबर में मंजूरी दी थी। सूत्रों ने कहा कि रेलवे ने विलय के तौर-तरीकों पर काम करने और मंत्रालय को सलाह देने के लिए प्रबंधन कंसल्टेंसी फर्म मैकिन्से को काम पर रखा है। नये नियम लागू होने के बाद 7th Pay Commission के तहत वेतन पा रहे रेलवे कर्मचारियों पर इसका सीधा असर पड़ेगा।

कैबिनेट द्वारा इस कदम को मंजूरी दिए जाने के सात महीने बाद, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को सर्विस स्‍पेसिफिक अधिकारियों और संघों के साथ बातचीत शुरू की, जिसे सर्वसम्मति-निर्माण अभ्यास के रूप में देखा जा रहा है। रेलवे में सिविल सर्वेंट्स, जो तीन सेवाओं में हैं- ट्रैफिक, कार्मिक और लेखा, उन्‍होनें इस विलय का विरोध करते हुए कहा था कि उन्हें इंजीनियरिंग सेवा के अधिकारियों के सामने सीनियर्टी में नुकसान हुआ। सिविल सेवक अपने इंजीनियरिंग सेवा समकक्षों की तुलना में कुछ साल बड़े हैं, ऐसा दो प्रवेश परीक्षाओं के कारण हुआ है।

सूत्रों ने कहा कि DRM, GM, अध्यक्ष रेलवे बोर्ड और अतिरिक्त महाप्रबंधक जैसे सीनियर पदों के लिए योग्यता के आधार पर अधिकारियों को चुनने के लिए चयन पैनल का गठन किया जा सकता है, और आयु के अनुसार मापदंड रखे जा सकते हैं। ऑन पेपर यह सीनियर पद ओपर टू ऑल हैं। एक अधिकारी ने कहा कि अगर इस तरह के कदम की सिफारिश अंत में सचिवों की समिति द्वारा की जाती है, और गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह द्वारा अनुमोदित किया जाता है तो उच्च पदों के लिए चयन पैनल में रेलवे के बाहर के लोग शामिल हो सकते हैं।

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