बिहार में राज्य सरकार में सेवाएं दे रहे अधिकारी और कर्मचारी आंदोलन करने वाले हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों की मांग है कि उनका प्रमोशन किया जाए। इसके लिए 20 दिसंबर को बिहार राज्य संयुक्त सेवा महासंघ की बैठक हुई थी। उस बैठक में कई फैसले लिए गए। महासंघ की खास मांग है 2 साल से ज्यादा समय से लंबित सभी प्रोन्नति को दिलाना है। महासंघ में बिहार प्रशासनिक सेवा संघ, बिहार शिक्षा सेवा संघ, बिहार अभियंत्रण सेवा संघ, बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ, बिहार राज्य अराजपत्रित महासंघ आदि शामिल हैं। इस बैठक में भी सभी संघों के पदाधिकारी मौजूद रहे। बैठक में फैसला किया गया है कि आंदोलन 14-15 जनवरी से शुरू होगा।
सबसे पहले इस आंदोलन में शामिल होने वाले अधिकारी और कर्मचारी काला बिल्ला लगाकर अपने अपने ऑफिस में काम करेंगे। इसके बाद अगर मांग नहीं मानी जाती हैं तो 31 जनवरी को भीख मांगेंगे। अगर फिर भी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो 5 फरवरी को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। अधिकारी और कर्मचारियों के महासंघ के समन्वयक शशांक शेखर सिन्हा ने दैनिक भास्कर को बताया कि 31 दिसंबर से पहले हमारा एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव से मुलाकात करेगा। हम उन्हें सबकुछ बताएंगे। उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ तो हम आगे की रणनीति तय करेंगे।
लोक सेवा आयोग (BPSC) की ओर से 66वीं संयुक्त सिविल सेवा भर्ती परीक्षा 27 दिसंबर को होगी। यह परीक्षा 35 जिलों में 888 केंद्रों पर होगी। परीक्षा में चार लाख 50 हजार 287 उम्मीदवार शामिल होंगे। 782 अभ्यर्थियों को आयु अधिक होने के कारण डिस्क्वालीफाई किया गया है। इस परीक्षा के माध्यम से सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस, जेल सुपरीटेंडेंट, स्टेट टैक्स असिस्टेंट कमिश्नर, अपर इलेक्शन ऑफिसर, प्लानिंग कमिशन, बिहार प्रोबेशन सर्विस ऑफिसर, एडिशनल डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसर, फूड सप्लाई इंस्पेक्टर, रेवन्यू ऑफिसर, ब्लॉक पंचायत राज ऑफिसर के पदों पर भर्तियां होनी है। इन पदों पर नौकरी पाने वालों को 7वें वेतन आयोग के मुताबिक सैलरी दी जाएगी।
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