यूजीसी के एक नए नियम के अनुसार छात्रों को उच्च कटऑफ के कारण अपने लक्षित कॉलेज में एडमिशन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।

जो छात्र उच्च कटऑफ के कारण अपने मनपसंद कॉलेज में प्रवेश नहीं कर पातें हैं, 2022-23 शैक्षणिक सत्र में उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि विश्वविद्यालयों के अलावा देश भर के लगभग 900 स्वायत्त कॉलेज जुलाई से दूरस्थ रूप से पाठ्यक्रमों की पेशकश करने में सक्षम होंगे क्योंकि सरकार ने 2035 तक 50% सकल नामांकन अनुपात प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के तहत एक बड़े सुधार में ऑनलाइन शिक्षा क्षेत्र को खोल दिया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 900 अतिरिक्त कॉलेजों के छात्रों को ऑनलाइन डिग्री पाठ्यक्रम प्रदान करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। छात्रों को सीखने का अवसर प्रदान करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। साथ ही यह निर्णय राष्ट्रीय शैक्षिक नीति , NEP 2020 के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा के दृष्टिकोण के अनुरूप है। ऑनलाइन डिग्री पाठ्यक्रमों के माध्यम से छात्र दूरस्थ रूप से डिग्री प्राप्त करने में सक्षम होंगे।

वर्तमान में केवल विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के माध्यम से दूरस्थ डिग्री प्रदान करने की अनुमति है लेकीन यूजीसी के इस नए नियम से 900 अन्य कॉलेज भी ऐसी सुविधा दे पायेंगे। इसके लिए कॉलेजों को यूजीसी से पूर्व में अनुमोदन भी नहीं लेना पड़ेगा लेकिन यूजीसी के नियम और दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।

ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम सीखने के तरीके के अलावा कई पहलुओं में पारंपरिक डिग्री प्रोग्राम से काफी अलग होंगे। दूरस्थ पाठ्यक्रम अधिक लचीले होंगे और इसमें बहुत सारे विकल्प होंगे। यूजीसी द्वारा मार्च, 2022 में एक विस्तृत रूपरेखा साझा करने की उम्मीद है। मौजूदा यूजीसी (ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग एंड ऑनलाइन प्रोग्राम्स) रेगुलेशन, 2020 में संशोधन के मसौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है और यह इस सप्ताह सभी स्टेक होल्डर्स द्वारा फीडबैक के लिए उपलब्ध होगा।

यूजीसी के चेयरमैन जगदीश कुमार ने कहा कि, “यदि हम केवल विश्वविद्यालयों से चिपके रहते हैं, तो यह सीमित हो जाता है। देश में बड़ी संख्या में उच्च स्वायत्त महाविद्यालय हैं। इससे सीखने वालों तक पहुंच बढ़ेगी।”

बिहार में मेडिकल की पढ़ाई मंहगी हुई: वहीं बिहार में अब छात्रों को NEET-UG 2021 के माध्यम से एडमिशन लेने वालों को अधिक फीस देनी पड़ेगी। प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों ने डेढ़ लाख से ढाई लाख तक फीस बढ़ा दी है। फीस बढ़ने के बाद अब मधुबनी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए 18.50 लाख रुपए देने पड़ेंगे। वहीं आरडीजेएम मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए 18 लाख रुपए लगेंगे।




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