दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति योगेश सिंह का कहना है कि चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम के तहत प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम दो-तीन महीने में तैयार हो जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार तैयार स्नातक पाठ्यक्रम रूपरेखा (यूजीसीएफ) को 11 फरवरी को विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद (ईसी) ने मंजूरी दी थी। सिंह ने कहा कि समितियों का गठन किया गया है।

वे पाठ्यक्रम पर काम कर रहे हैं और यह शैक्षणिक सत्र 2022-23 शुरू होने से पहले दो-तीन महीने में तैयार हो जाएगा। कुलपति ने कहा कि सामान्य विवि प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के जरिए डीयू में प्रवेश पाने वाले विद्यार्थी नए पाठ्यक्रम का अध्ययन करेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मसविदे में कहा गया है कि विद्यार्थियों को आनर्स/शोध के साथ चार साल की डिग्री के लिए 160 से 176 ‘क्रेडिट’ अर्जित करने होंगे।

अब एक साथ दो शैक्षणिक पाठ्यक्रम करना संभव, दिशानिर्देश जारी

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने दो शैक्षणिक कार्यक्रमों को एक साथ प्रत्यक्ष, आनलाइन या दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से करने की अनुमति के लिए दिशानिर्देश अधिसूचित कर दिए। उन विद्यार्थियों द्वारा कोई पूर्व समय से लाभ का दावा नहीं किया जा सकता है, जिन्होंने इन दिशानिर्देशों की अधिसूचना से पहले एक साथ दो शैक्षणिक कार्यक्रम किए हैं।

दिशानिर्देश में कहा गया है कि कोई विद्यार्थी प्रत्यक्ष माध्यम में दो पूर्णकालिक शैक्षणिक कार्यक्रमों को कर सकता है बशर्ते कि ऐसे मामलों में एक कार्यक्रम के लिए कक्षा के समय का दूसरे कार्यक्रम की कक्षा के समय के साथ मिलान न हो। कोई विद्यार्थी दो शैक्षणिक कार्यक्रमों को एक पूर्णकालिक प्रत्यक्ष मोड में और दूसरा खुला एवं दूरस्थ माध्यम (ओडीएल), आनलाइन माध्यम में या एक साथ दो ओडीएल और आनलाइन कार्यक्रम के जरिए पूरा कर सकता है।

इसमें कहा गया कि ओडीएल या आनलाइन माध्यम के तहत डिग्री या डिप्लोमा कार्यक्रमों को केवल ऐसे एचईआइ (उच्च शिक्षा संस्थानों) के साथ आगे बढ़ाया जाएगा जिन्हें यूजीसी, वैधानिक परिषद या केंद्र सरकार द्वारा ऐसे कार्यक्रम चलाने के लिए मान्यता प्राप्त है। यूजीसी ने सूचित किया है कि इन दिशानिर्देशों के तहत डिग्री या डिप्लोमा कार्यक्रम उसके द्वारा अधिसूचित नियमों और संबंधित वैधानिक और पेशेवर परिषदों, जहां भी लागू हो, द्वारा शासित होंगे।

यूजीसी ने कहा कि दिशानिर्देश केवल पीएचडी कार्यक्रम के अलावा अन्य शैक्षणिक कार्यक्रमों का अनुसरण करने वाले विद्यार्थियों पर लागू होंगे। दिशानिर्देशों के आधार पर, विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों को एक साथ दो शैक्षणिक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने की अनुमति देने के लिए अपने वैधानिक निकायों के माध्यम से तंत्र तैयार कर सकते हैं।

जून में आयोजित होगी यूजीसी-नेट परीक्षा

यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) का आयोजन जून के पहले या दूसरे सप्ताह में होगा। राष्ट्रीय परीक्षा एजंसी जल्द ही तिथियों का एलान करेगी। दूसरी ओर, असम, मणिपुर, सिक्किम, त्रिपुरा, बिहार और झारखंड के राज्य विश्वविद्यालय भी साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के माध्यम से स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिला देंगे। यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार के मुताबिक दिसंबर 2021 और जून 2022 की यूजीसी नेट परीक्षा का आयोजन एक साथ कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह परीक्षा जून के पहले या दूसरे सप्ताह में होगी।

परीक्षा का विस्तृत कार्यक्रम राष्ट्रीय परीक्षा एजंसी जारी करेगी। परीक्षा कार्यक्रम जारी होने के बाद इसके लिए आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। यह परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाती रही है लेकिन कोरोना महामारी के चलते परीक्षा को एक साथ किया जा रहा है। यह परीक्षा भारतीय युवाओं के लिए विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर, जूनियर रिसर्च फेलो या दोनों योग्यताओं के लिए आयोजित की जाती है।




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