World AIDS Day 2021: आज भी तमाम जानकारियां इंटरनेट पर मौजूद होने के बावजूद एड्स को लेकर लोगों के मन में काफी भ्रम हैं।
एचआईवी एड्स का नाम सुनते ही इंसानों के मन में एक अजीब मनोस्थित पैदा हो जाती है। जो शख्स एड्स से पीड़ित होता है, उसके साथ तो ऐसा सुलूक किया जाता है कि जैसे उसे जीने का हक ही नहीं है।
आज भी तमाम जानकारियां इंटरनेट पर मौजूद होने के बावजूद एड्स को लेकर लोगों के मन में काफी भ्रम हैं। इन्हीं गलत जानकारियों की वजह से एड्स के मरीजों के साथ भेदभाव किया जाता है और लोग इस बीमारी का नाम सुनते ही सहम जाते हैं।
दुनियाभर में एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे का मुख्य कारण यही है कि दुनिया को इस बारे में जागरुक किया जा सके। हम यहां आपको बता रहे हैं कि एड्स को लेकर लोगों के मन में क्या भ्रम हैं और इसके पीछे की असली सच्चाई क्या है।
- लोगों के मन में एड्स को लेकर सबसे बड़ा भ्रम ये रहता है कि एचआईवी छूने से, हाथ मिलाने से और खांसने से फैलता है। लेकिन सच ये है कि छूने या खांसी से एड्स तब तक नहीं फैलता, जब तक किसी व्यक्ति का शरीर कहीं से कटा हुआ ना हो या उसके शरीर पर छाले ना हों।
- लोगों को ये भी लगता है कि अगर महिला एचआईवी पॉजिटिव है तो उसे बच्चे पैदा नहीं करने चाहिए। क्योंकि बच्चा भी एचआईवी पॉजिटिव होगा। हालांकि सच ये है कि छोटे बच्चों में एचआईवी संक्रमण 2 फीसदी कम किया जा सकता है।
- एचआईवी के बारे में लोगों का आम नजरिया ये भी है कि अगर आप संक्रमित हैं तो आपकी मृत्यु जल्दी ही हो जाएगी। जबकि ये पाया गया है कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति लंबे समय तक जीवित रह सकता है।
- लोगों को लगता है कि अगर 2 लोग पहले से ही एचआईवी पॉजिटिव हैं, तो उन्हें शारीरिक संबंध बनाने में कोई समस्या नहीं होगी। लेकिन सच ये है कि ऐसा करने पर वायरस और भी ज्यादा खतरनाक तरीके से नुकसान पहुंचा सकता है।
- कुछ लोग अपना एचआईवी टेस्ट इसलिए नहीं कराते, क्योंकि उन्हें लगता है कि कोई लक्षण उनमें नहीं हैं। जबकि सच ये है कि एचआईवी के लक्षण सामने आने में कई साल लगते हैं।
- लोगों को एक भ्रम ये भी है कि एचआईवी संक्रमित शख्स के साथ खाने-पीने और बर्तन साझा करने से साथ रहने वाला व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होता है। ये संक्रमण साथ खाने-पीने से नहीं फैलता।
- कई लोगों को लगता है कि अगर रोगी अपने एचआईवी संक्रमण का इलाज करवा रहा है तो वह संक्रमण नहीं फैलाएगा। जबकि सच ये है कि जो व्यक्ति संक्रमित है, उससे संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहेगा।
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