सृष्टि सिंह का कहना है कि अगर आप अपना लक्ष्य बनाकर उसके प्रति समर्पित होकर पढ़ाई व तैयारी करते हैं, तो आपको देर ही सही लेकिन सफलता जरूर मिलेगी।
कहते हैं कि अगर किसी लक्ष्य को पाना है तो उसके लिए कड़ी मेहनत और लगन से लगे रहिए, सफलता आज नहीं तो कल जरूर मिलेगी। इस बात को अलीगढ़ की सृष्टि सिंह ने सच साबित कर दिखाया है। सृष्टि ने अपने समर्पण और कड़ी मेहनत से संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा-2020 में 78वीं रैंक हासिल की है। इस सफलता से उनके पिता राजीव सिंह बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि मेरी बेटी मेरा गुरूर है।
सृष्टि ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और शुभचिंतकों को दिया है। उनका कहना है कि, मेहनत का कोई भी शॉर्टकट नहीं होता, आपको अपनी लगन से अपने लक्ष्य के लिए लगे रहना चाहिए। एक ना एक दिन सफलता आपको जरूर मिलेगी। बता दें कि सृष्टि सिंह के पिता राजीव सिंह कासिमपुर पावर हाउस, हरदुआगंज, अलीगढ़ में सहायक अभियंता के पद पर तैनात हैं।
पिता की खुशी का ठिकाना नहीं: बेटी की इस सफलता पर राजीव सिंह की खुशी का ठिकाना नहीं है। उनका कहना है कि, मेरी बेटी ने मेरा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। सृष्टि मेरा गुरूर है। उसने इस सफलता के लिए दिन रात मेहनत की, कोरोना काल में उसकी तैयारी पर असर भी पड़ा, लेकिन उसने हार नहीं मानी। मूल रूप से प्रयागराज निवासी राजीव सिंह का कहना है कि अगर कोरोना जैसी महामारी ना होती तो बेटी की रैंक और बेहतर आती। सृष्टि जैसी होनहार बेटी देने के लिए मैं ईश्वर को धन्यवाद देता हूं।
बता दें कि सृष्टि सिंह ने सीबीएसई बोर्ड से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई सेंट फ्रांसिस अनपरा, सोनभद्र से की थी। उन्होंने साल 2019 में प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रानिक्स एंड कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। सृष्टि सिविल सर्विसेज की तैयारी करना चाहती थीं, इसके लिए परिवार से उन्हें सपोर्ट भी मिला और तैयारी के लिए वो दिल्ली चली गईं। जहां उन्होंने दो साल तक इसकी तैयारी की। सृष्टि की मेहनत का ही फल है कि उन्हें सिविल सेवा परीक्षा-2020 में 78वीं रैंक हासिल हुई है।
सफलता आज नहीं तो कल, मिलनी ही है: सृष्टि का कहना है कि, कोरोना की वजह से उनकी तैयारी पर असर जरूर पड़ा, लेकिन उनका लक्ष्य साफ था। अपनी सफलता का श्रेय उन्होंने मां शिल्पी सिंह व पिता राजीव सिंह को दिया। सृष्टि अपनी तैयारी के दौरान कोचिंग और सेल्फ स्टडी को मिलाकर रोजाना लगभग 10-11 घंटे तक पढ़ाई करती थीं। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे लोगों के लिए प्रेरणा बनी सृष्टि सिंह का कहना है कि मेहनत का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। आप अपना लक्ष्य बनाएं और उसके लिए पूरी तरह से समर्पित होकर पढ़ाई व तैयारी करें। सफलता आज नहीं तो कल जरूर मिलेगी।
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