स्कूली छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से नीति आयोग की पहल पर अटल इनोवेशन मिशन (अटल नवप्रवर्तन मिशन – एआईएम) की शुरुआत की गई है।

स्कूली छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से नीति आयोग की पहल पर अटल इनोवेशन मिशन (अटल नवप्रवर्तन मिशन – एआईएम) की शुरुआत की गई है। छात्रों को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के करीब लाने से जुड़ी इस पहल में अब भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत कार्यरत स्वायत्तशासी संगठन विज्ञान प्रसार भी साझीदार हो गया है। इस साझेदारी के अंतर्गत एआईएम के अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) और विज्ञान प्रसार द्वारा संचालित इटरैक्टिव मंच ‘एंगेज विद साइंस’ (ईडब्ल्यूएस) द्वारा साथ मिलकर काम करने की घोषणा की गई है।

इस मिशन के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस द्वारा 9.2 हजार से अधिक एटीएल क्षमता से लैस स्कूलों को अपने कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। ईडब्ल्यूएस द्वारा इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों, शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को अपनी समस्त इंटरैक्टिव गतिविधियों में संलग्न किया जाएगा। इन गतिविधियों के तहत प्वॉइंट अर्जित करने होंगे। इसी आधार पर प्रमाण पत्र और प्रोत्साहन प्रदान किए जाएंगे ताकि छात्र तथा शिक्षक; विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग एवं गणित (एसटीईएम) के प्रति आकर्षित हो सकें।

आधुनिक नवाचारियों के रूप में भारत में दस लाख बच्चों को तैयार करने के दृष्टिकोण के साथ अटल इनोवेशन मिशन द्वारा देशभर के स्कूलों में 9.2 हजार से अधिक अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। एटीएल का मुख्य उद्देश्य युवा मस्तिष्क में जिज्ञासा, रचनात्मकता और कल्पनाशीलता का पोषण करना है। इसके साथ ही, छात्रों में गवेषणात्मक विचार, विश्लेषणात्मक सोच, सीखने की उत्सुकता पैदा करने के साथ-साथ उन्हें कंप्यूटर जैसे कौशल आधारित विषयों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एटीएल एक ऐसा मंच है, जहाँ युवा मस्तिष्क अपने विचारों को आकार दे सकते हैं और खुद-काम-करके-सीखो प्रणाली से कौशल सीखते हैं।

अटल इनोवेशन मिशन के मिशन (एआईएम) के निदेशक डॉ. चिन्तन वैष्णव ने कहा, “एआईएम और विज्ञान प्रसार के बीच सहयोग दोनों संगठनों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों प्रौद्योगिकी आधारित विकास के साथ तालमेल रखने और हमारी शैक्षिक कार्यप्रणाली को उन्नत बनाने मे अहम भूमिका निभाते हैं। एटीएल के साथ एंगेज विद साइंस कार्यक्रम से एसटीईएम नवप्रवर्तन की संस्कृति आगे बढ़ेगी। इससे युवा मन को ऐसा मंच मिल सकेगा, जहाँ वे प्रयोगात्मक शिक्षण हासिल करेंगे। इस शिक्षण में आविष्कार, नवाचार और सहयोगात्मक समस्या समाधान पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि सीखने का ज्यादा से ज्यादा प्रभाव पड़े।”

एंगेज विद साइंस, विज्ञान प्रसार द्वारा संचालित ‘इंडिया साइंस’ ओटीटी चैनल परियोजना का हिस्सा है, और इसका उद्देश्य इंडिया साइंस (www.indiascience.in) पर विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग एवं गणित (एसटीईएम) आधारित वीडियो कंटेंट का प्रचार तथा उसे लोकप्रिय बनाना है। ईडब्ल्यूएस ने 10 हजार से ज्यादा स्कूलों को अपने से जोड़ लिया है तथा वह स्कूलों के प्रधानाध्यपकों, शिक्षकों तथा छात्रों को ध्यान में रखकर नियमित गतिविधियां संचालित कर रहा है। इस समय ईडब्ल्यूएस गतिविधियां हिन्दी और अंग्रेजी में उपलब्ध हैं और अन्य भारतीय भाषाओं तक इनका विस्तार करने की योजना है।

विज्ञान प्रसार के निदेशक डॉ. नकुल पाराशर ने कहा, “आज एसटीईएम कंटेंट के उपभोक्ता इंटरैक्टिव कार्यक्रमों की माँग करते हैं। वे क्रियाशीलता का हिस्सा बनना चाहते हैं। एंगेज विद साइंस की इंटरैक्टिविटी को इंडिया साइंस ओटीटी चैनल से जोड़कर विज्ञान प्रसार भारत का पहला इंटरैक्टिव ओटीटी चैनल बनाने जा रहा है। अटल टिंकरिंग लैब के साथ यह सहयोग स्कूलों को एक-साथ लाएगा, ताकि एसटीईएम कंटेंट की उपयोगिता तथा इंटरैक्टिविटी का बहुस्तरीय प्रभाव तैयार हो सके।” इस दौरान एंगेज विद साइंस के ब्रांड अम्बेसडर अभिनेता शरमन जोशी भी उपस्थित थे।

(इंडिय साइंस वायर)


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