कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के मुताबिक चमड़ा क्षेत्र में पांच सालों में 20 लाख लोगों को रोजगार देने की क्षमता है। आज चमड़े का सामान युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय है। फैशन और ट्रेंड का इस उद्योग पर बहुत प्रभाव है। भारत का विश्व में चमड़े के उत्पादन और जूते व चमड़े के उत्पाद में लगभग 13 फीसद हिस्सा है। चमड़ा और चमड़ा उत्पाद उद्योग भारत के सकल घरेलू उत्पाद में एक फीसद से कम का योगदान देता है और जूता उद्योग लगभग दो फीसद योगदान देता है। हमारे देश से पश्चिमी देशों को चमड़े का सामान और जूतों का निर्यात होता है। चमड़े का उपयोग हर तरह के उत्पाद बनाने में होता है। यह उद्योग 2020 तक 9.0 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है। प्रौद्योगिकी का हर उद्योग पर व्यापक प्रभाव पड़ा है और चमड़ा उद्योग भी इससे अछूता नहीं है। इस क्षेत्र में आकर युवा अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।
शैक्षणिक योग्यता
चमड़ा डिजाइनिंग/ टेक्नोलॉजी में बीटेक या बीएससी करने के लिए 12वीं में भौतिक, रसायन और गणित विषय होने चाहिए। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एनआइटी) में प्रवेश के लिए जेईई-मेन की परीक्षा पास करनी होती है। उसके आधार पर देश के अन्य इंजीनियरिंग संस्थान भी बीटेक में दाखिला देते हैं। चमड़ा प्रौद्योगिकी में स्नातकोत्तर करने के लिए विद्यार्थियों के पास चमड़ा प्रौद्योगिकी, बायोटेक्नोलॉजी या केमिकल इंजीनियरिंग की स्नातक डिग्री होना आवश्यक है।
पाठ्यक्रम
’बीएससी (चमड़ा डिजाइन) ’बीटेक (चमड़ा प्रौद्योगिकी) ’एमटेक (चमड़ा प्रौद्योगिकी)
’डिप्लोमा (चमड़ा उत्पाद डिजाइन) ’डिप्लोमा (जूते डिजाइन एवं उत्पादन) ’सर्टिफिकेट कोर्स (जूते डिजाइन एवं कटिंग) ’कंप्यूटर एडेड शू डिजाइनिंग
संस्थान
राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान, नई दिल्ली
केंद्रीय फुटवियर प्रशिक्षण केंद्र, आगरा
एवी फैशन एवं जूता तकनीकी संस्थान, चंडीगढ़
चमड़ा सरकारी संस्थान, आगरा
प्रौद्योगिकी एवं चमड़ा तकनीकी सरकारी कॉलेज, कोलकाता
कर्नाटक चमड़ा प्रौद्योगिकी संस्थान, बंगलुरु
पश्चिम बंगाल प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कोलकाता
भारत विज्ञान एवं तकनीकी संस्थान, चेन्नई
विदेश में भी हैं मौके
उद्योग के लोगों का कहना है कि चमड़ा प्रौद्योगिकी के जानकारों की मांग विदेश में बहुत है। अमेरिका और ब्रिटेन सहित अन्य देशों में ऐसे चमड़ा प्रौद्योगिकी के जानकारों की मांग लगातार बढ़ रही है जो प्रदूषण कम करके इस कार्य को पूरा कर सकें। इतना ही नहीं चमड़े के उत्पादों के डिजाइनरों की भी वहां की कंपनी में जबर्दस्त मांग है। विदेश में काम करने वाले इच्दुक उम्मीदवारों को अच्छे वेतन के साथ विदेश में उच्च गुणवत्ता के जीवन का आनंद भी प्राप्त होता है।
जरूरी गुण
तकनीक को आसानी से ग्रहण करने क्षमता
विज्ञान में रुचि, रसायनों का ज्ञान
अच्छी संचार क्षमता, प्रबंधन के भी गुण
संगठनात्मक, योजना बनाने और प्रयोगशाला में काम करने का कौशल
क्रमबद्ध ढंग से सटीक काम करने की क्षमता
कंप्यूटर की भी जानकारी हो
कला में दिलचस्पी
नई तकनीकी को अपनाने की क्षमता
कार्य
चमड़ा प्रौद्योगिकीविद का काम दफ्तर और मार्केटिंग दोनों क्षेत्रों में होता है। आॅफिस में वह चमड़ा प्रोसेसिंग और उत्पाद डिजाइनरों के साथ काम करता है, जबकि वह मार्केटिंग और सेल्स में ग्राहकों को चमड़े की गुणवत्ता के बारे में विस्तार से जानकारी देने का काम करता है। इसके साथ वह चमड़े के उत्पाद बनाने में जुटे तकनीकी के जानकारों को भी नए उत्पाद और नई गुणवत्ता के बारे में जानकारी देता है। चमड़ा प्रौद्योगिकीविद तकनीकी डिजाइनर, स्टायलिश डिजाइनर और गुणवत्ता नियंत्रण जांचकर्ता के साथ भी मिलकर काम करते हैं। वे एक्सपोर्ट हाउस, सरकारी संस्थानों, चमड़ा फर्म, चमड़ा उत्पाद उद्योग के अलावा विश्वविद्यालय और संस्थानों में प्राध्यापक भी बन सकते हैं।
वेतनमान
इस क्षेत्र में अधिकतर नौकरियां निजी क्षेत्र में ही उपलब्ध हैं। स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद उम्मीदवार को इस उद्योग में 15 से 20 हजार रुपए महीने की नौकरी मिलने की संभावना होती है। इसके बाद अनुभव बढ़ने के साथ वेतनमान भी बढ़ता जाता है। नामी कंपनी में नौकरी मिलने पर वेतन भी अच्छा मिलता है। इतना ही नहीं, इस पाठ्यक्रम को करने वाले अपना व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं जिसमें वे कई हजार से लेकर लाखों रुपए प्रति माह तक भी कमा सकते हैं।
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