Nirmala Sitharaman and Arun Jaitley Education: पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री के रूप में सीतारमण का यह चौथा बजट है। उन्होंने जेएनयू से पढ़ाई की है।
Nirmala Sitharaman Education: निर्मला सीतामरमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार (1 फरवरी) को 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा कि यह बजट विकास को प्रोत्साहन देता है और कोरोना से जूझने के बावजूद हमारी इकोनॉमी तेजी से उभर रही है। पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री के रूप में सीतारमण का यह चौथा बजट है।
उन्होंने पहली बार साल 2019 में अंतरिम बजट पेश किया था। उनसे पहले देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली थे और 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद से 2018 तक उन्होंने देश के वित्त मंत्री का कार्यभार संभाला और 5 बार बजट पेश किया। 24 अगस्त 2019 को उनका निधन हो गया था।
एक फरवरी को चौथा आम बजट पेश करने वालीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण निर्मला सीतारमण का जन्म तमिलनाडु के मदुरै में 18 अगस्त, 1959 को हुआ। उनके पिता नारायण सीतारमण रेलवे में काम करते थे। निर्मला ने तिरुचिरापल्ली के सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया है। ग्रेजुएशन के बाद वह दिल्ली आ गईं और उन्होंने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा हासिल की। उन्होंने जेएनयू से इकोनॉमिक्स में एमए और फिर एमफिल किया है।
लंदन में भी सेवाएं दे चुकी हैं वित्त मंत्री: निर्मला सीतारमण लंदन में भी अपनी प्रतिभा दिखा चुकी हैं। उन्होंने लंदन स्थित एग्रीकल्चर इंजीनियर्स एसोसिएशन में इकोनॉमिस्ट के असिस्टेंट के रूप में काम किया है। इसके अलावा उन्होंने लंदन के प्राइस वाटरहाउस में सीनियर मैनेजर के रूप में भी सेवाएं दीं। वह बीबीसी वर्ल्ड सर्विस में भी काम कर चुकी हैं। जब वह लंदन से भारत लौटीं तो उन्होंने हैदराबाद में सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी स्टडीज में डिप्टी डायरेक्टर के रूप में सेवाएं दीं। इसके बाद उन्होंने यहां एक स्कूल की भी स्थापना की, जिसका नाम PRANAVA है।
2008 में ज्वाइन की थी बीजेपी: निर्मला सीतारमण ने साल 2008 में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की और उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया। साल 2010 में वह बीजेपी की प्रवक्ता बनीं और उसके बाद पीएम मोदी की पहली कैबिनेट में उन्हें जगह मिली। मोदी सरकार में वह वाणिज्य एवं उद्योग मामलों में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों मामलों की राज्य मंत्री और रक्षा मंत्री के रूप में सेवाएं दे चुकी हैं।
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के बारे में भी जानें
2014 में जब मोदी सरकार बनी तो अरुण जेटली को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्हें देश का वित्त मंत्री बनाया गया। 2014 से लेकर 2018 तक के बजट जेटली ने ही पेश किए। साल 2019 में उनका निधन हो गया। जेटली ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ‘श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स’ से 1973 में बीकॉम ऑनर्स में डिग्री ली थी। इसके बाद उन्होंने 1977 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से LLB किया।
इंजीनियर बनना चाहते थे जेटली: अरुण जेटली का जन्म 28 दिसंबर 1952 को दिल्ली में हुआ था। उन्होंने स्कूली पढ़ाई दिल्ली के सिविल लाइंस में स्थित सेंट जेवियर स्कूल से की। अपने स्कूल के दिनों में वह इंजीनियर बनना चाहते थे, लेकिन समय गुजरने के साथ ही उनके इरादे भी बदल गए। जब उन्होंने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में एडमिशन मिला तो वह यहां कॉलेज डिबेटिंग टीम के कप्तान बन गए और इस दौरान कई गोल्ड मेडल जीते।
एबीवीपी से जुड़े और जीता छात्र संघ का चुनाव: ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद उन्होंने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने का फैसला किया और दिल्ली विश्वविद्यालय से वकालत की पढ़ाई करने लगे। उनकी राजनीतिक समझ काफी अच्छी थी इसलिए उन्होंने एबीवीपी से छात्रसंघ का चुनाव लड़ा और जीत गए। इसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और जेपी आंदोलन से जुड़ गए।
काबिल वकील थे जेटली: वकालत की दुनिया में जेटली का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। उन्होंने साल 1987 से देश के कई हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की थी। जनवरी 1990 में दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें सीनियर एडवोकेट की उपाधि दी थी। साल 1989 में जब वीपी सिंह की सरकार आई तो उन्हें एडीशनल सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया।
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