UPSC: तृप्ति ने साल 2010 में पुणे कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में बैचलर्स की डिग्री हासिल की है।

UPSC: जब इरादे मजबूत हो तो जीवन में आने वाली हर बाधाओं और असफलताओं को इंसान पार कर जाता है। महाराष्ट्र की रहने वाली तृप्ति अंकुश ने शादीशुदा जीवन और नौकरी के बावजूद भी सिविल सेवा के क्षेत्र में अपनी जगह बनाने के लिए दिन रात मेहनत की और काफी उतार-चढ़ाव के बाद कामयाबी भी हासिल की है। आज हम आपके उनके यूपीएससी सफर के बारे में बताएंगे जो कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए कसी मिसाल से कम नहीं है।

तृप्ति ने साल 2010 में पुणे कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में बैचलर्स की डिग्री हासिल की है। ग्रेजुएशन के बाद ही उनका चयन एक अच्छी कंपनी में हो गया था। यहां उन्होंने लगभग 4 साल तक काम किया और इसी दौरान उनके मन में सिविल सेवा परीक्षा देने का विचार आया। उन्होंने अपने इस विचार पर काम किया और महाराष्ट्र पब्लिक सर्विस कमीशन की तैयारी भी शुरू कर दी थी। यहां दूसरे प्रयास में ही उनका चयन बतौर असिस्टेंट सेल्स कमिश्नर के पद पर हो गया। इस सफलता के बाद उन्होंने नौकरी के साथ ही यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी।

UPSC: श्रेयांस कुमट ने सिविल सेवा परीक्षा के पहले ही प्रयास में किया टॉप, जानिए कैसा रहा IIT से IAS तक का सफर

तृप्ति ने इस परीक्षा के लिए काफी मेहनत की लेकिन हर बार किसी न किसी वजह से उनका सेलेक्शन नहीं हो पाता था। सिविल सेवा परीक्षा में लगातार तीन बार असफलता प्राप्त करने के बाद वह काफी निराश हो गई थीं। उन्होंने यह मान लिया था कि यह परीक्षा उनके लिए नहीं है। इस दौरान तृप्ति के घर वालों ने और खासकर उनके पति ने उनका हौसला बढ़ाया। तृप्ति ने एक बार फिर प्रयास किया और आखिरकार 16वीं रैंक प्राप्त कर सफलता हासिल कर ही ली।

UPSC: मेडिकल की पढ़ाई के बाद आर्तिका ने सिविल सेवा की तरफ रखा कदम, पहले ही प्रयास में किया टॉप

तृप्ति का मानना है कि इस कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करना काफी कठिन है। ऐसे में उम्मीदवारों को सही रणनीति और टाइम टेबल के साथ तैयारी करनी चाहिए। साथ ही इस दौरान आपको मेंटली स्ट्रांग भी रहना चाहिए।


Source link