UPSC: आशिमा ने आईआईटी बॉम्बे से सिविल इंजीनियरिंग में बैचलर्स की डिग्री हासिल की है।
UPSC: आशिमा मित्तल जयपुर, राजस्थान की रहने वाली हैं। वह बचपन से ही पढ़ने में काफी होशियार थीं। उनके परिवार वाले हमेशा से चाहते थे कि आशिमा सिविल सेवा के क्षेत्र में जाएं। हालांकि, स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से सिविल इंजीनियरिंग में बैचलर्स की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने कुछ समय तक एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी भी की थी। वह इस नौकरी से संतुष्ट नहीं थी और इसी दौरान उनके मन में सिविल सेवा परीक्षा देने का ख्याल आया। फिर आशिमा ने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए अपनी नौकरी भी छोड़ दी।
हमेशा से हर क्षेत्र में अव्वल रहने वाली आशिमा ने यूपीएससी की राह चुन तो ली थी लेकिन यह इतना भी आसान नहीं था। कठिन परिश्रम और लगन के बावजूद भी आशिमा को इस परीक्षा में असफलता का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने पहले प्रयास में ही मेन्स क्लियर कर लिया था लेकिन इंटरव्यू में पहुंचने के बावजूद भी उनका फाइनल सेलेक्शन नहीं हो पाया था। इस वजह से वह काफी निराश भी हो गई थी और मान लिया था कि यूपीएससी उनके लिए नहीं है। फिर एक घटना के बाद उन्होंने वापस से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का निर्णय कर लिया था।
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आशिमा ने साल 2016 में सिविल सेवा परीक्षा का दूसरा अटेम्प्ट दिया था। इस बार उन्होंने परीक्षा तो क्लियर कर ली थी लेकिन मनचाही रैंक न होने के कारण उन्हें आईआरएस अलॉट किया गया था। आशिमा हमेशा से आईएएस बनने का सपना देखती थीं और ऐसे में किसी दूसरी सेवा के लिए चुने जाने पर उन्हें ज्यादा खुशी नहीं हुई। हालांकि, उन्होंने नौकरी ज्वाइन कर लिया था लेकिन साथ ही अपनी पढ़ाई भी जारी रखी थी। आखिरकार साल 2017 में सिविल सेवा परीक्षा के तीसरे प्रयास में आशिमा ने 12वीं रैंक प्राप्त की और अपना सपना भी पूरा किया।
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आशिमा के अनुसार, इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए परिश्रम के साथ ही धैर्य होना भी बेहद ज़रूरी है। देश की सबसे कठिन परीक्षा को एक बार में क्लियर करना मुश्किल है, ऐसे में असफलताओं से निराश होने की जगह हमें दोगुना प्रयास करना चाहिए। आशिमा का मानना है कि तैयारी के लिए पढ़ाई के साथ ही नियमित रूप से प्रैक्टिस और रिवीजन करते रहना चाहिए।
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