UPSC: अंजलि ने सिविल सेवा परीक्षा के दो प्रयासों में असफलता प्राप्त करने के बाद भी हार नहीं मानी और पूरे लगन के साथ तैयारी करती रहीं।
UPSC: केरल की रहने वाली अंजलि ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भी यहीं से प्राप्त की है। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने लगभग तीन साल तक एक अच्छी कंपनी में नौकरी भी की थी। अंजलि हमेशा से ही सिविल सेवा के क्षेत्र में कदम रखना चाहती थी और नौकरी के दौरान ही उन्हें अपना सपना पूरा करने का विचार आया।
अंजलि ने सिविल सेवा परीक्षा के दो प्रयासों में असफलता प्राप्त करने के बाद भी हार नहीं मानी और पूरे लगन के साथ तैयारी करती रहीं। उन्होंने साल 2015 में सिविल सेवा परीक्षा का पहला और साल 2016 में दूसरा अटेम्प्ट दिया था। अंजलि दोनों ही प्रयासों में प्रीलिम्स भी नहीं क्लियर कर पाई थीं। वह इस दौरान नौकरी भी कर रही थीं और जॉब के साथ ही परीक्षा की तैयारी के लिए भी समय निकाला। अंजलि ने साल 2017 में ही तीसरा अटेम्प्ट भी दिया था। इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने न केवल प्रीलिम्स परीक्षा क्लियर की बल्कि 26वीं रैंक के साथ टॉप भी किया।
UPSC: नौकरी के साथ की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी, अपर्णा ने दूसरे ही अटेम्प्ट में किया टॉप
अंजलि का मानना है कि प्रीलिम्स परीक्षा क्लियर करने के लिए नियमित रूप से पढ़ाई करने के साथ ही रिवीजन करना भी बेहद आवश्यक है। उनके अनुसार प्रीलिम्स की तैयारी के लिए कई सारी किताबों को पढ़ने की जगह कुछ चुनिंदा किताबों को ही बार बार पढ़ना ज्यादा बेहतर होता है। वहीं, करंट अफेयर्स के लिए न्यूज़ पेपर पढ़ने के साथ ही नोट्स भी तैयार कर सकते हैं। साथ ही मंथली मैगजीन और कोचिंग द्वारा उपलब्ध कराए गए पीडीएफ को भी पढ़ा जा सकता है। इसके अलावा परीक्षा की तैयारी के लिए सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट सीरीज जॉइन करना है। इससे विषयों पर आपकी अच्छी पकड़ बनती है।
अंजलि का कहना है कि मेन्स परीक्षा के लिए भी प्रैक्टिस बहुत ज़रूरी है। उनका मानना है कि भले ही आपको किसी सवाल का जवाब न आए लेकिन तब भी उस पर समय देना चाहिए और सभी प्रश्न अटेम्प्ट करने का प्रयास करना चाहिए। सबसे ज़रूरी चीज़ यह कि किसी की बातों में आने की जगह जो आपको ठीक लगे वह करना चाहिए। सही रणनीति और मन से की गई तैयारी से एक दिन कामयाबी अवश्य मिलती है।
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