विकास का मानना है कि लोगों में हिंदी को लेकर गलत धारणाएं हैं कि हिन्दी माध्यम से होने से सफलता नहीं मिलेगी। सबरे जरूरी है कि आपको अपने लक्ष्य के प्रति फोकस होना चाहिए और मेहनत के साथ लगे रहें।
सिविल सेवा परीक्षा 2017 में 568 रैंक लाने वाले विकास मीणा उन युवाओं के लिए प्रेरणा बने हुए हैं, जो आईएएस बनने का सपना लिए यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) तैयारी कर रहे हैं। बता दें कि हिंदी मीडियम से आने वाले विकास मीणा अपने पहले ही प्रयास में आईपीएस के लिए चुने गये थे लेकिन उनका सपना आईएएस बनने का था। उन्होंने अपने इस सपने को भी दूसरे प्रयास में पूरा कर लिया। विकास मीणा ने 2017 में UPSC परीक्षा में 568वीं रैंक हासिल की थी।
विकास मीणा ने राजस्थान के एक छोटे से गांव महवा से निकलकर अपने सपनों को उड़ान दी। हिंदी मीडियम होने के चलते विकास में मन में बाकी छात्रों को देख घबराहट जरूर थी, लेकिन उन्होंने अपने इस डर को अपनी ताकत बनाई और तैयारी में जुट गए। अपने दूसरे ही प्रयास में मनचाही सफलता पाकर वो लोगों के मिसाल बन गए।
अपने अनुभवों के आधार प्रिलिम्स(पहले चरण) की परीक्षा देने जा रहे उम्मीदवारों के लिए विकास मीणा ने बताया कि परीक्षा देने के दौरान किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
पहले से तय ना करें कि कितने सवाल हल करने हैं : अपने आत्मविश्वास को बनाएं रखें, और पहले से ये मानकर ना चलें कि इतने ही सवाल हल करने हैं। अगर पेपर कठिन है तो आप पहले से तय किए गए सवालों की संख्या के चलते निगेटिव मार्क्स पा सकते हैं। कोशिश करें कि एक रेंज सेट करें कि 80 से 90 या 95 करने हैं।
हर सवाल जरूरी है: परीक्षा में किसी सवाल को कम ना आंके, हर सवाल जरूरी होता है। OMR शीट शुरुआत के डेढ़ घंटे में ही अच्छे से भरना शुरू कर दें। परीक्षा में अगर कोई कन्फ्यूजिंग सवाल आता है तो मार्क करके बाद में उसे दोबारा समय दें। उसी पर न रूकें रहें। इससे समय का सही इस्तेमाल हो पाएगा।
सवालों को ऐसे हल करें: कोशिश करें को जिन सवालों के जवाब आपको पहले आ रहे हैं, उन्हें पहले हल करें और साथ ही दूसरे लेवल पर उन्हें हल करें, जिसमें आपको कुछ डाउट हो।
बेसिक बातों का जरुर रखें ख्याल: अगर गर्मी का मौसम है, तो उस हिसाब से आपका पहनावा हो, जिसमें आप सहज रहें। एग्जाम सेंटर में जाने से पहले ध्यान रखें कि आपके पास सभी सामग्री, एडमिट कार्ड, आईडी, ब्लैक पेन मौजूद हों। OMR शीट में रोल नंबर ध्यान से भरें। 2017 में सफल हुए विकास मीणा का कहना है कि, आत्मविश्वास बनाए रखें, और अपना बेस्ट देने की कोशिश करें।
हिंदी को लेकर गलत धारणा: विकास का मानना है कि हिंदी को लेकर लोगों के मन गलत धारणाएं हैं कि अगर वो अगर हिन्दी माध्यम से हैं तो सफलता नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि, आपको फोकस होकर अपने लक्ष्य के लिए मेहनत करना पड़ता है और सफलता मिलने तक रुकना नहीं है।
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