UPSC: इसके बाद उन्होंने पहली परीक्षा 2015 में दी इस एग्जाम के तीसरे स्टेप यानी इंटरव्यू तक भी नहीं पहुंच सके थे।
UPSC: हर साल लाखों की संख्या में उम्मीदवार आईएएस का सपना अपनी आंखों में लेकर UPSC एग्जाम में भाग लेते हैं लेकिन ये सपना कुछ लोगों का ही पूरा होता है। इस परीक्षा के लिए कैंडिडेट बहुत ही कड़ी मेहनत करते हैं। ऐसी ही कहानी है राजस्थान के अभिषेक सुराना की ।
आभिषेक भीलवाड़ा के रहने वाले हैं उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई अपने होम टाउन से ही की। इसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली का रुख किया और यहां उन्हें IIT दिल्ली में प्रवेश ले लिया। IIT से उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करने के बाद उनकी काबिलियत को देखते हुए सिंगापुर में बार्कलेज इन्वेस्टमेंट बैंक में नौकरी भी मिल गई। इस नौकरी में उन्हें लाखों की रुपए तनख्वाह मिलती थी इसके बावजूद उनका मन इस नौकरी में नहीं लगा।
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इसके बाद अभिषेक ने बिजनेस करने के बारे में सोचा और एक स्टार्टअप शुरू कर दिया। इसके बाद भी उनको जमीनी स्तर पर काम करने का मन था इसके बाद ही उन्हें UPSC Exam देने का मन बनाया। अपने जुनून के साथ वे भारत वापस आ गये। वापस आते ही उन्होंने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी थी।
इसके बाद उन्होंने पहली परीक्षा 2015 में दी इस एग्जाम के तीसरे स्टेप यानी इंटरव्यू तक भी नहीं पहुंच सके थे। 2016 में उन्हें 250वीं रैंक मिला और वे भारतीय पुलिस सेवा के लिए चुने गये अभिषेक ने कुछ समय तक IPS के पद पर नौकरी। पर उनकी पहली पसंद IAS थी और उन्होंने इसके लिए फिर से प्रयास शुरू कर दिया। फिर उन्होंने 2017 में UPSC Exam में भाग लिया और इस बार AIR 10वीं रैंक हासिल की।
अभिषेक UPSC Exam की तैयारी के दौरान सुबह 5:30 बजे उठते और 6 बजे जिम चले जाते थे। एक घंटे के वर्कआउट के बाद वे अपने रूम में आ नाश्ता करते और लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए चले जाते थे। अगले 12 घंटे वे लाइब्रेरी में ही रहते थे सिर्फ बीच में चाय और लंच के लिए ही ब्रेक लेते थे।
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