UPSC: हिमांशु ने गाज़ियाबाद के एक प्राइवेट कॉलेज से इंजीनियरिंग से बैचलर्स की डिग्री प्राप्त की है।
UPSC: हिमांशु कौशिक दिल्ली के रहने वाले हैं। वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता एक इंजीनियर हैं और उनकी माता एक संस्कृत टीचर हैं। हिमांशु ने ज़्यादातर समय दिल्ली में ही गुज़ारा है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी दिल्ली में रहकर ही हुई है। स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने गाज़ियाबाद के एक प्राइवेट कॉलेज से इंजीनियरिंग से बैचलर्स की डिग्री प्राप्त की है। ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद उन्होंने बतौर सॉफ्टवेयर डेवलपर तीन साल तक नौकरी की है। नौकरी के दौरान ही उन्होंने यूपीएससी परीक्षा देने का मन बना लिया था। जिसके बाद उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में लग गए। हालांकि, उनके इस फैसले पर लोगों ने उनका समर्थन नहीं किया था क्योंकि हिमांशु के पिछले प्रदर्शन को देखते हुए सबको लगता था कि वह यह कठिन परीक्षा नहीं पास कर पाएंगे। बता दें कि हिमांशु पढ़ाई में हमेशा से ही बेहद सामान्य थे। ग्रेजुएशन के दौरान भी उनकी दो बार बैक आई थी। काफी मेहनत के बाद भी हिमांशु ने बीटेक में 65 प्रतिशत अंक ही प्राप्त किए थे।
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के शुरुआती कुछ दिनों में हिमांशु को काफी मुश्किल हुई। उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि वह अपनी तैयारी कहां से शुरू करें और कैसे करें। इस समस्या से उबरने के लिए उन्होंने कोचिंग ज्वाइन करने का फैसला किया। फिर कोचिंग की मदद और दिन रात की मेहनत के चलते आखिरकार उन्हें सफलता मिल ही गई। हिमांशु ने 2017 में यूपीएससी परीक्षा के पहले प्रयास में ही 77वीं रैंक प्राप्त की थी। अपने कठिन परिश्रम से हिमांशु ने उन सभी को जवाब दिया जिन्हें लगता था कि वह कभी सफल नहीं हो पाएंगे।
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इस मुकाम पर पहुंच कर हिमांशु ने यह तो ज़रूर साबित कर दिया था कि यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए आपका बैकग्राउंड मायने नहीं रखता है। हालांकि, इस बात को साबित करने के लिए उन्होंने जी तोड़ भी की है। उन्होंने न केवल सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स डीएक्टिवेट कर दिए थे बल्कि दोस्तों से मिलना और पार्टी में जाना भी बंद कर दिया था। हिमांशु का मानना है कि अगर आपका प्रयास सच्चा है तो इस दुनिया में कुछ भी हासिल करना मुमकिन है। इसके लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है कि आपके आसपास सकारात्मक लोग रहें जो हमेशा आपको जीवन में कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरित करें।
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