बिहार में कुछ शिक्षकों को बर्खास्त किया जाएगा और सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने शिक्षक के तौर पर जो सैलरी ली है उसकी भी वसूली की जाएगी। यह कार्यवाई उन टीचर्स पर की जाएगी जिन्होंने अपने सर्टिफिकेट शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड नहीं किए हैं। दरअसल निगरानी जांच के लिए राज्य के अलग अलग जिलों से 9644 सरकारी टीचर्स ने अपने सर्टिफिकेट्स अपलोड नहीं किए हैं। शिक्षा विभाग ने इस काम के लिए टीचर्स को 21 जून से 20 जुलाई तक का समय दिया था।

किस जिले से कितनी टीचर्स को हाटाया जाएगा इसकी बात करें तो पूर्व चंपारण से 1616, कैमूर 252, पश्चिमी चंपारण से 117, मुजफ्फरपुर से 898, खगड़िया से 249, वैशाली से 117, सीवान से 837, सारण से 235, नालंदा से 113, सुपौल से 551, अररिया से 200, जमुई से 99, मधुबनी से 513, रोहतास से 190, बक्सर से 91, भोजपुर से 494, भागलपुर से 188, लखीसराय से 27, समस्तीपुर से 492, जहानाबाद से 175, कटिहार से 21, नवादा से 480, बेगूसराय से 155, सहरसा से 10, सीतामढ़ी से 420, पटना से 153, बांका से 9, दरभंगा से 380, गया से 259, औरंगाबाद से 144, गोपालगंज से 130, पूर्णिया से 1 और शेखपुरा से 1 शिक्षक को हटाया जाएगा।

बिहार के अलग अलग जिलों में 89874 शिक्षकों को अपने सर्टिफिकेट को शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना था। 89874 शिक्षकों में से केवल 80230 शिक्षकों ने ही अपने सर्टिफिकेट्स को अपलोड किया था। आपको बता दें कि जिन शिक्षकों ने अपने सर्टिफिकेट्स अपलोड किए हैं। उनके सर्टिफिकेट की जांच निगरानी के अफसर संबंधित बोर्ड, विवि व प्रशिक्षण संस्थानों से कराएंगे। जांच में पता चलेगा कि कितने शिक्षक फर्जी सर्टिफिकेट पर भर्ती हुए हैं।



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