केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक की तबीयत मंगलवार को बिगड़ गई। कोरोना वायरस के बाद की जटिलताओं के चलते उन्हें दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल ले जाया गया। AIIMS से जुड़े अधिकारियों ने इस बात की जानकारी समाचार एजेंसी ANI को दी।
61 साल के निंशक और उनमें 21 अप्रैल, 2021 को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इस बात की जानकारी उनके टि्वटर हैंडल से भी दी गई थी। हालांकि, बीमारी से उबरने के बाद उन्होंने अपना काम संभाल लिया था।
हाल ही में वह कोरोना से ठीक हुए थे। रोचक बात है कि 12वीं की परीक्षा पर आज ही फैसला आना था कि आखिरकार वह कब होगी। पर अचानक मंत्री का स्वास्थ्य खराब हो जाने की वजह से हो सकता है कि इस पर निर्णय को टाल दिया जाए। हालांकि, इस बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है और सस्पेंस बरकार है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट को सोमवार को बताया गया कि सरकार कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने या नहीं करने के बारे में आगामी दो दिन में अंतिम फैसला करेगी। अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने यह जानकारी न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की बेंच को दी थी।
बेंच बोली कि अगर केंद्र वैश्विक महामारी के कारण शेष बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने की पिछले साल की नीति से अलग फैसला करता है, तो उसे इसका ठोस कारण देना होगा।
परीक्षाओं के पक्ष में प्रियंका से लेकर ये लोगः कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से आग्रह किया कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं कक्षा की परीक्षा कराने पर पुनर्विचार किया जाए। उन्होंने निशंक को पत्र लिखकर यह भी कहा कि बच्चों के जीवन को खतरे में डालना उनके साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा।
वहीं, शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध एक निकाय ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कराई जानी चाहिए, जबकि महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय को सूचित किया कि कक्षा 10वीं (एसएससी) और कक्षा 12वीं (एचएससी) की परीक्षाओं की तुलना नहीं की जा सकती है, क्योंकि 12वीं कक्षा की परीक्षा विद्यार्थियों के लिए अपेक्षाकृत अधिक महत्वपूर्ण होती है और उनका करियर इस पर ज्यादा निर्भर करता है। (भाषा पीटीआई इनपुट्स के साथ)
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