Bihar Recruitment 2021: देश के कई राज्यों में परीक्षाओं और नियुक्तियों में हुई देरी को लेकर आए दिन खबरें आती रहती हैं। अब बिहार से खबर है कि राज्य में डेढ़ लाख से अधिक शिक्षक सहित विभिन्न विभागों में 2.34 लाख से अधिक नौकरियां लटकी पड़ी हैं। कोरोना के कारण पिछले साल की नियुक्तियों पर असर पड़ा था लेकिन कुछ नियुक्तियां सालों से अटकीं हुई हैं।
नियुक्ति में हुई देरी के पीछे कोरोना के अलावा सिस्टम के ढीले रवैया का एक बहुत बड़ा हाथ है। जहां कोरोना की वजह से कई सारी परीक्षाएं तय समय पर नहीं आयोजित हो पाईं। वहीं, शिक्षक, इंजीनियर सहित विभिन्न नौकरियों की वैकेंसी का मामला कोर्ट में अटका पड़ा हुआ है। इसके अलावा बहाली के लिए नियमावली, रोस्टर क्लीयरेंस और आरक्षण जैसे मामलों पर स्पष्टता न होने के कारण अक्सर नियुक्तियों में देरी हो जाती है। जिसकी वजह से बिहार के लगभग 55 लाख छात्र प्रभावित हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्य में लगभग 1,64,256 पदों पर बहाली प्रक्रियाधीन है। विभिन्न पदों के लिए 70,383 बहाली शुरू होनी है। बिहार कर्मचारी चयन आयोग से तृतीय श्रेणी के 13,000 पदों पर बहाली रुकी हुई है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज और राजस्व व भूमि सुधार विभाग सहित विभिन्न विभागों कि 40,000 से अधिक नियुक्तियां अटकी हुई है।
इसके अलावा प्रारंभिक स्कूल शिक्षक के 4,61,763 स्वीकृत पद में 91,762 पद खाली हैं। जबकि उच्चतर माध्यमिक शिक्षक के 1,05,273 स्वीकृत पद में 62,000 पद खाली हैं और सहायक प्रोफेसर के 10,400 पद में 4,638 पद खाली हैं।
इसके साथ ही प्रारंभिक शिक्षक के 90,762 पद, हाई स्कूल शिक्षक के 30,000 पद, सहायक प्रोफेसर के 4638 पद, तृतीय वर्ग कर्मचारी के 13,000 पद, सिपाही के 8,500 पद, फायरमैन के 2,380 पद टेक्नीशियन के 1700 पद, डॉक्टर के 5,500 पद, इंजीनियरिंग कॉलेजों में शिक्षक के 2,095 पद, सिविल इंजीनियर के 1,264 पद, न्यायधीश के 221 पद के लिए रिक्तियां फंसी हुई हैं।
कोरोना महामारी के कारण बीपीएससी और एसएससी ने भी घोषित परीक्षा तारीख को रद्द कर दिया था। अब स्थिति सामान्य होने के बाद ही परीक्षा आयोजित की जाएगी।
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