रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रविवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से बारहवीं की बोर्ड परीक्षा के छोटे संस्करण पर अधिकतर राज्य सहमत दिखे। बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक इसके तहत 19 महत्त्वपूर्ण विषयों की डेढ़-डेढ़ घंटे की बहुवैकल्पिक सवालों पर आधारित परीक्षा होगी। यह परीक्षा जुलाई और अगस्त में दो बार की जाएगी। वहीं, दिल्ली और महाराष्ट्र किसी भी तरह की परीक्षा के पक्ष में नहीं थे। बैठक में तय किया गया कि केंद्र परीक्षाओं के संबंध में एक जून या उससे पहले कोई निर्णय लेगी।
बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक व उनके सहयोगी स्मृति ईरानी, प्रकाश जावडेकर व संजय धोत्रे के अलावा राज्यों के शिक्षा मंत्री व अधिकारी शामिल थे। निशंक की ओर से कहा गया कि बोर्ड की लंबित परीक्षाओं और पेशेवर पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं को लेकर राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों सरकारों से 25 मई तक विस्तृत सुझाव भेजने का आग्रह किया गया है। निशंक के मुताबिक हम बोर्ड परीक्षा के संबंध में जानकार एवं सामूहिक निर्णय तक पहुंचेंगे और एक जून या उससे पहले हमारे अंतिम फैसले की जानकारी देकर विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के मन की अनिश्चितता को समाप्त कर सकेंगे।
14 अप्रैल को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं स्थगित और दसवीं बोर्ड की परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। यह फैसला प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हुई बैठक में किया गया था। ये परीक्षाएं 4 मई से 14 जून के बीच होनी थीं।
बोर्ड के दो विकल्प
पहले विकल्प के तहत 19 महत्त्वपूर्ण विषयों की परीक्षा पहले से निर्धारित परीक्षा केंद्रों होगी। इन विषयों के आधार पर अन्य विषयों का परिणाम तैयार किया जाएगा।परीक्षा की तैयारी के लिए बोर्ड को एक महीने की जरूरत होगी जबकि दो महीने परीक्षाएं और परिणाम जारी करने के लिए चाहिए। इसके बाद एक महीना कंपार्टमेंट परीक्षाओं के लिए बाद में चाहिए। इस विकल्प के तहत एक से 20 अगस्त के बीच परीक्षाएं होंगी और 20 सितंबर तक परिणाम जारी किया जाएगा। बोर्ड के मुताबिक यदि तीन महीने का समय नहीं मिलता है तो यह विकल्प काम नहीं आएगा।
दूसरे विकल्प के तौर पर उन्हीं स्कूलों में परीक्षा कराने का सुझाव दिया गया, जहां विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इसके विकल्प के तहत 19 महत्त्वपूर्ण विषयों की बहुवैकल्पिक सवालों के आधार पर परीक्षाएं कराई जाएंगी। इस विकल्प के तहत प्रश्नपत्र इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पहुंचाया जाएगा और परीक्षा पूर्व तैयारियों के लिए अधिक समय की जरूरत नहीं होगी। ये परीक्षाएं दो बार में 15 जुलाई से एक अगस्त और पांच से 26 अगस्त के बीच कराई जाएंगी।
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