‘मोदी रोजगार दो’ टि्वटर पर फिर ट्रेंड होने लग पड़ा है। लोग कह रहे हैं, न चोर, न चौकीदार…साहब, मैं तो बेरोजगार। ट्विटर पर पोस्ट करके रोजगार तलाश रहे लोगों का कहना है कि स्टूडेंट्स सरकार से केवल इतना ही चाहते हैं कि सही समय पर परीक्षा आयोजित करके उसका परिणाम तय समय पर घोषित हो जाए। वहीं कुछ लोगों ने इस हैशटैग पर ट्वीट किया कि झूठ बोलकर मोदी ने वोट हासिल किया था।

इस हैशटैग से कुणाल कुशवाहा नाम के एक यूजर ने अपनी पोस्ट ट्वीट करते हुए लिखा, हमारे पीएम डिजिटल इंडिया और दूसरे कामों में व्यस्त हैं। मोदी चाहते हैं कि भारत के लोग अपने जीवन यापन के लिए मजदूरी करें। उन्होंने लिखा, मोदी जी ऐसे कैसे चलेगा, जॉब तो चाहिए न, कब तक आप इसे नजरंदाज करते रहोगे। एक यूजर ने लिखा, बेरोजगारों का कोई धर्म नहीं होता। एक पेट होता है और खाली जेब होती है।

‘मोदी रोजगार दो’ हैशटैग से नागराज के नाम से एक पोस्टर पोस्ट किया गया। हरियाणा के हिसार जिले में लगे इस पोस्टर में बीजेपी और जेजेपी व सभी राजनीतिक दलों का पूर्ण रूप से बहिष्कार करने की बात कही गई है। पोस्टर में लिखा है गांव में घुसने पर किसानों द्वारा लट्ठ फेरा जा सकता है। जैसे कि सरकार ने किसानों पर पिपली में फेरा था, याद है न। एक अन्य यूजर ने अपनी पोस्ट में मोदी और अणित शाह पर तंज कसा। इसमें लिखा है कि ये क्या हो रहा है, इतना ट्वीट। स्टूडेंट जाग गया अब पकौड़ा फार्मूला फेल, नया फार्मूला लाना होगा।

गौरतलब है कि ‘मोदी रोजगार दो’ हैशटैग से देश के बेरोजगार लगातार सरकार से रोजगार मांग रहे हैं। जिस दिन पहली बार ट्विटर पर यह हैशटैग आया, कुछ घंटों के भीतर ही 20 लाख से ज्यादा लोगों ने ट्वीट किए। लोगों ने सरकार से सवाल किया कि 2 करोड़ रोजगार का वादा कहां है। उनका सवाल था कि चुनाव में बड़ी-बड़ी बातें करने वाली सरकार अब चुप क्यों बैठी है।

कोरोना संकट के दौरान लाखों लोगों को अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा था। सीएमआईई ने एक रिपोर्ट में दावा किया था कि अप्रैल 2020 में 1.77 करोड़ वेतनभोगियों की नौकरी चली गई थी। इसी तरह जून और जुलाई में भी लाखों लोगों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा था। उसके बाद से बेरोजगारों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। सरकार कभी कभार मुद्रा लोन और दूसरी योजनाओं का हवाला देकर रोजगार सृजित किए जाने का राग अलापती है पर उसके पास भी इस बात का कोई पुख्ता आंकड़ा नहीं है कि मोदी के कार्यकाल में कितनों को नौकरी मिलीं।

हालांकि, सरकार ने अभी तक इस पर अपनी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि राजनीतिक गलियारों में इस हैशटैग को लेकर बेचैनी साफ दिख रही है। विपक्ष के नेता सरकार पर इसके जरिए जमकर निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस की प्रवक्ता ने लाइव टीवी डिबेट में इसका जिक्र किया तो बीजेपी के नेता बगलें झांकते नजर आए। उन्होंने प्रोग्राम में सीधे तौर पर इस सवाल का जवाब देने से भी गुरेज किया।



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