NIOS ने नया पाठ्यक्रम जारी किया है। NIOS प्राचीन भारतीय ज्ञान और विरासत को प्राथमिक कक्षाओं में शुरू करने जा रहा है। NIOS का नया पाठ्यक्रम नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) का हिस्सा है। प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा को लेकर 100 मदरसों में नया पाठ्यक्रम शुरू किया जाना है। NIOS के नए पाठ्यक्रम में ‘भारतीय ज्ञान परम्परा’ पर 15 पाठ्यक्रम शामिल हैं। NIOS SPQEM (स्पेशल प्रोविजन फॉर क्वालिटी एजुकेशन ऑफ मदरसा) के तहत मदरसों को मान्यता देता है। इस प्रावधान के तहत शिक्षार्थियों को विभिन्न विषयों की पेशकश की जाती है। एनआईओएस द्वारा उपलब्ध कराए गए विषयों में से कौन से विषय पढ़ने हैं यह स्टूडेंट के ऊपर निर्भर करता है।
नए कोर्स कक्षा 3, 5 और 8 की प्रारंभिक शिक्षा के समान हैं। भारतीय ज्ञान परंपरा के तहत 15 नए पाठ्यक्रमों में वेद, योग, विज्ञान, व्यावसायिक कौशल, संस्कृत भाषा, रामायण और महाभारत कथा, भगवद गीता उपदेश और महेश्वरा सूत्र आदि शामिल हैं। शिक्षा मंत्रालय की प्रेस रिलीज के मुताबिक 50,000 छात्रों के साथ लगभग 100 मदरसे एनआईओएस से मान्यता प्राप्त हैं। इसके अलावा भविष्य में एनआईओएस के साथ मदरसों की मांग के आधार पर लगभग 500 और मदरसों को मान्यता देने की योजना है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) भारत के शिक्षा मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान है। NIOS उन स्टूडेंट्स को शिक्षा देने के लिए है जो रेग्युलर कक्षाओं में हिस्सा नहीं ले सकते हैं। NIOS का नया पाठ्यक्रम केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा जारी किया गया है। अध्ययन सामग्री जारी करते हुए, उन्होंने उल्लेख किया कि भारत प्राचीन भाषा, विज्ञान और संस्कृति का एक पावरहाउस है। भारत में एक समृद्ध और प्राचीन विरासत के साथ एक ज्ञान महाशक्ति बनने की सभी क्षमताएं हैं।
शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि NIOS न्यू करिकुलम का फायदा दुनिया भर में भारत और भारतीय समुदाय के स्टूडेंट्स को दिया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए स्पष्टीकरण के अनुसार, “एनआईओएस द्वारा प्रदान किए गए विषयों में से विषय का चयन करना स्टूडेट्स के विवेक पर है।” एनआईओएस दो राष्ट्रीय बोर्ड में एक से है, जो प्राइमरी, सेकंडरी और सीनियर सेकंडरी स्तर के कोर्स ओपन और डिस्टेंस एजुकेशन के जरिये कराते हैं।
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